संघ और राज्य दोनों में लोक सेवा आयोग होते है| दो या दो से अधिक राज्य मिलकर भी एक लोक सेवा आयोग की स्थपाना कर सकते है| प्रत्येक सेवा आयोग में एक अध्यक्ष और सदस्य होते है| जिनकी नियुक्ति संघ में राष्ट्रपति एवं राज्य में राज्यपाल द्वारा किया जाता है| वैसे तो प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है| परन्तु राज्यों में आयु 60 वर्ष से बढाकर 62 वर्ष कर दिया गया है| 41वां संविधान संशोधन अधिनियम 1976 के अनुसार राज्य में 62 वर्ष और संघ में 65 की आयु के पश्चात कोई भी व्यक्ति उसका सदस्य नहीं हो सकता|

इससे पूर्व यदि न्यायालय में उसका कोई कोई दुराचार साबित हो जाये या वह दिवालिया, पागल, शारीरिक एवं मानसिक रूप से दुर्बल सिद्ध हो, तो राष्ट्रपति उसे अपने आदेश से सेवा मुक्त कर सकता है| आयोग के सदस्य स्वतंत्रता एवं निष्पक्ष से काम करे, इसके लिए संविधान में प्रावधान है|

लोक सेवा आयोग के कार्य

इसका मुख्य कार्य अनेक राजकीय सेवाओ में नियुक्ति के लिए परीक्षा का संचालन करना और साक्षात्कार करना है| इसमें अतरिक्त लोकसेवा आयोग से निम्नलिखित बातो में परामर्श लिया जाता है|

1.कर्मचारी की नियुक्ति, पदोन्नति, स्थान्तरण, पेंशन, आदि|

2.प्रतियोगिता परीक्षाओ के लिए पाठ्यक्रम तैयार करना|

3.सभी अनुशासन सम्बन्धी मामलो, जो कि राजकीय सेवा में लगे हुए व्यक्तियों से सम्बंधित है|

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