स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 2022 | स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 500 शब्दों में

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध, प्रत्येक देश में राष्ट्रीय पर्व को बड़ी धूम धाम से मनाते है| जो देश चिरकाल की पराधीनता के बाद स्वतन्त्र होते है| वे स्वतन्त्र दिवस बड़ी धूम धाम से मनाते है| हमारा स्वतन्त्र दिवस 15 अगस्त को मनाया जाता है| 15 अगस्त 1947 के दिन 200 वर्ष पुरानी गुलामी का जमा, भारत ने उतर फेका था| उसी दिन असंख्य शहीदों का अमूल्य रक्त फल लाया| असंख्य भारतीयों ने उस दिन सुख की साँस ली थी| इसी स्मृति में प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त का राष्ट्रीय पर्व बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है| शहीदों को श्रीदांजलि दी जाती जाती है| तन, मन, धन, सब देश के लिए अर्पण करने की प्रतिज्ञा की जाती है| देशभक्ति की भावना का संचार करने के लिए अनेक उत्सव कराये जाते है|

भाषण

संध्या को भिन्न-भिन्न राजनीतिक दलों की और से जलसे होते है| बड़े-बड़े नेता अपने-अपने भाषणों से देशवासियों को उनका कर्तव्य सुझाते है| इस दिन भारत की राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री लाला किले पर राष्ट्रीय ध्वज फ़हराते है| सूर्योदय के पूर्व ही लाखो की संख्या में लोग लालकिले के विशाल प्रांगन में जमा हो जाते है| सैनिक की स्वर की लहरों व 21 तोपों की सलामी दी जाती है| तालियों के गडगडाहट के बीच प्रधानमंत्री अपना भाषण शुरू करते है| भाषण के द्वारा वे राष्ट्र के नाम सन्देश देते है और अंत में जय हिन्द के नारों के साथ राष्ट्रीय गन होता है| इसके बाद लाल किले के प्रांगन में उत्सव समाप्त हो जाता है| रेडियो तथा टेलीविजन के द्वारा प्रधानमंत्री के भाषण को पुरे देश में प्रसारित किया जाता है| इस दिन सभी मित्र भारत देश के लिए सुभकामनाएँ भेजते है|

कार्यक्रम 

रात्रि में सरकारी कार्यालयों में रोशनी की जाती है| कवी सम्मलेन तथा मुशायरो का आयोजन किया जाता है| इसके साथ सांस्कृतिक आयोजन भी किये जाते है| इस तरह अनेक रूपों में यह पर्व मनाया जाता है| यह पर्व देश की स्वतंत्रताके लिए शहीदों हुए शहीदों की धरोहर है| स्वतंत्रता दिवस को विधालय, महाविधालय, सरकारी तथा गैर सरकारी कार्यालय व संस्थाओ तथा कारखानों सब प्रकार के कार्यक्षेत्र तथा बाजारों में अनिवार्य अवकाश रहता है| स्वतंत्रता दिवस मनाने के अनेक प्रयोजन एवं लाभ है| इससे स्वतंत्रता का उदेश्य सदा हमारी आँखों के सामने रहता है| इससे जनता में नया उत्साह स्वदेशभिमान, देशभक्ति और आपसी सहयोग की भावना उत्पन्न होती है| प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति तथा राज्यपालों के सन्देश जनता को शक्ति और कर्तव्य की याद दिलाते है| इस प्रकार स्वतंत्रता हमारी राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है|

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