मुहावरा की परिभाषा
मुहावरा की परिभाषा, जब कोई वाक्यांश सामान्य अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ को प्रकट करता है. तो उसे मुहावरा कहा जाता है| या ऐसा वाक्यांश जो सामान्य अर्थ का बोध न कराकर किसी विशेष अर्थ का प्रतीत (प्रकट ) कराये, मुहावरा कहलाता है| मुहावरा शब्द अरबी भाषा का शब्द है| जिसका अर्थ “अभ्यास” होता है| हिन्दी में मुहावरा एक पारिभाषिक शब्द बन गया है| कुछ लोग मुहावरा को “रोजमर्रा” या वाग्धारा भी कहते है|
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मुहावरा की उपयोगिता – मुहावरा के प्रयोग से भाषा में सरसता, सरलता, लालित्य तथा प्रवाह की सृष्टी होती है| विचारो अथवा भावो को प्रकट करने में इनसे बड़ी मदद मिलती है|
मुहावरों की विशेषताएँ – मुहावरा वाक्य के बाहर कभी नहीं जाता| जैसे – ‘आँखे खुलना’ इसमें कोई विशेष अर्थ प्रकट नहीं हुआ| इसके विपरीत कोई यह कहे कि कुछ ‘मनुष्य को ठोकर लगकर ही आँखे खुलती है’ इस वाक्य के अर्थ में लाक्षणिकता, लालित्य, चमत्कार इत्यादि उत्पन्न हो गया|
- मुहावरा का शब्दार्थ न लेकर उनका विलक्षण अर्थ-ग्रहण किया जाता है|
- मुहावरों का अर्थ प्रसंग के अनुसार होता है|
- मुहावरों का वास्तविक स्वरुप कभी नहीं बदलता, जैसे – ‘कमर कसना’ के ‘स्थान पर कमर को चुस्त कर लेना’ का प्रयोग नहीं किया जा सकता|
- हिंदी के अधिकतर मुहावरों का सम्बन्ध शारीर के भिन्न-भिन्न अंगो से है|
हिन्दी में कुछ प्रचलित मुहावरे
- अंग टूटना (थकन का दर्द) – इतना काम करना पड़ा कि आज अंग टूट रहे है|
- अंगारों पर पैर रखना (जानबूझकर हानिकारक कार्य करना) – अपने बाप के अकेले बेटे हो इस तरह इस तरह अंगारों पर पैर मत रखो
- अंगारों पर लौटना (दुःख सहना) – वह उसकी तरक्की देखते ही अंगारों पर लौटने लगा| मै जीवन भर अंगारों पर लौटता रहा हूँ|
- अँगूठा दिखाना (समय पर धोखा देना) – अपना काम तो निकल लिया लेकिन जब मुझे जरुरत पड़ी तब मुझे अँगूठा दिखा दिया|
- अँचरा पसारना (माँगना, याचना करना) – हे देवी मै अपने बीमार बेटे के लिए अँचरा पसरती हूँ| उसे भला कर दो माँ|
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