वचन
वचन शब्द का मूल अर्थ है कहना या बताना परन्तु व्याकरण में यह शब्द संख्या ‘बोध’ के लिए आता है| अतः वचन की परिभाषा इस प्रकार है|वचन किसे कहते हैं संज्ञा के जिस रूप से उसकी संख्या का बोध हो, उसे ‘वचन’ कहते है| जैसे – लड़का, घोडा, घोड़े आदि|
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वचन के प्रकार
एकवचन – संज्ञा के जिस रूप से उसके एक होने का बोध हो, उसे एकवचन कहते है| जैसे – लड़की, लता, बूढीया|
बहुवचन – संज्ञा के जिस रूप से उसके एक से अधिक होने का बोध हो, उसे बहुवचन कहते है| जैसे – लड़के, लडकियाँ, लताएँ, बूढीयाँ|
साधारण रूप से हम एक व्यक्ति, स्थान, या वस्तु के लिए एकवचन का तथा एक से अधिक व्यक्तियों, स्थानों, या वस्तुओ के लिए बहुवचन का प्रयोग करते है| लेकिन अपने से बड़े और पूज्य लोगो को आदर देने के लिए भी हम प्रायः बहुवचन का प्रयोग करते है| जैसे –
- गुरूजी आये है|
- पिता जी खाना खा रहे है|
- राजा साहब तो अभी-अभी कहीं गए|
कई बार हम स्वयं के लिए भी बहुवचन का प्रयोग करते है, जैस –
- चिंता न करो, हम जल्दी ही लौट जायेंगे|
- न्यायधीश – हम तुम्हे सात साल कैद की सजा देते है|
नोट – कुछ पुल्लिंग शब्द के बहुवचन नहीं बनते है| जैसे – पिता, दादा, ब्रहा, शिव, एशिया, यूरोप, चंद्रमा, सूर्य आदि|
कुछ शब्द कर्ता कारक में एकवचन और बहुवचन दोनों में समान रूप से प्रयुक्त होते है, जैसे – बालक, गायक, ऋषि, पक्षी, कवि आदि|
पक्षी उड़ता है| – एक वचन
पक्षी उड़ते है| – बहुवचन
बालक नाचता है| – एकवचन
बालक नाचते है| – बहुवचन
वचन परिवर्तन के नियम
एकवचन | बहुवचन | एकवचन | बहुवचन |
बेटा | बेटे | लड़का | लड़के |
लोटा | लोटे | बच्चा | बच्चे |
गधा | गधे | कुत्ता | कुत्ते |
घोडा | घोड़े | कपडा | कपडे |
अकारांत स्त्रीलिंग शब्द के अंतिम ‘अ’ को ‘एं’ कर देते है जैसे
आँख = ऑंखें
रात = रातें
कलम = कलमें
बात = बातें
अकारांत स्त्रीलिंग शब्द के अंतिम आ के आगे एँ लगा देते है जैसे –
महिला = महिलाएँ
माता = माताएँ
कन्या = कन्याएँ
माला = मालाएँ
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