भाषा किसे कहते हैं, मनुष्य को ईश्वर ने बुद्धि दी है| जिससे वह नई-नई बातो की खोज करता है| फिर उन बातो को दुसरो तक पहुँचता है| अपने मन की बात को उसी रूप में समझाने की शक्ति केवल मनुष्य को ही प्राप्त है| इस शक्ति का नाम है ‘भाषा’| मनुष्य अपने मन के विचार भाषा के द्वारा दुसरो के सामने प्रकट करता है और भाषा के द्वारा ही उनके विचार को समझता है| भाषा किसे कहते हैं, जिस साधन द्वारा मनुष्य अपने मन के विचार या भाव दुसरो के सामने प्रकट करता है| और दुसरो के विचार या भाव को समझता है उसे भाषा कहते है|
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भाषा के प्रकार
मनुष्य अपने मन के भाव या विचार तीन प्रकार से प्रकट कर सकता है|
1. मौखिक भाषा (बोलकर ) – मौखिक भाषा किसे कहते हैं, जब हम किसी व्यक्ति से अपने मन के विचार बोल कर प्रकट करते है| उसे मौखिक भाषा कहते है| अपने समीप बैठे व्यक्ति के साथ हम मौखिक भाषा में ही बात करते है|
2. लिखित भाषा (लिखकर) – लिखित भाषा किसे कहते हैं, जब कोई हम से दूर होता है तो हम अपने मन के विचार लिखकर प्रकट करते है, इसे लिखित भाषा कहते है| लिखित भाषा में ध्वनियाँ के स्थान पर वर्णों या अक्षर का प्रयोग होता है|
3. सांकेतिक भाषा – सांकेतिक भाषा किसे कहते हैं, कुछ लोग भाषा का अन्य रूप भी मानते है| वह है सांकेतिक रूप (सांकेतिक भाषा) संकेत के रूप में विचारो को संकेतो द्वारा प्रकट किया जाता है| परन्तु संकेतो द्वारा प्रकट किये गए विचार स्पष्ट और अपूर्ण होते है| इनसे जनसाधारण का काम नहीं चल सकता| अतः संकेतो को हम भाषा का रूप नहीं कह सकते है|
भाषा में केवल दो रूप को ही ज्यादा महत्त्व दिया जाता है| लिखित और मौखिक, हम अपने दैनिक व्यवहार में भाषा का मौखिक रूप ही प्रयोग में लाते है| लिखित भाषा का प्रभाव तो स्पष्ट ही है| लिखित भाषा के कारण ही प्राचीन ज्ञान अभी तक सुरक्षित है| विश्व का सबसे अधिक काम लिखित भाषा में ही होता है| भाषा का लिखित रूप स्थायी है| अतः भाषा का लिखित रूप अधिक महत्वपूर्ण है|
लिपि Script
लिपि एक शब्द है ‘लीपना’, ‘चित्रित करना’ अथवा ‘लिखना’ | लिखित भाषा में ध्वनियों के लिए जिन चिन्हों का प्रयोग किया जाता है, उसके लिखने के ढंग को ही लिपि कहते है| लिपि के माध्यम से हम अपने विचारो को लिखकर अभिव्यक्त कर सकते है| भाषा की विभिन्न ध्वनियों के लिए लिपि चिन्ह निश्चित कर दिए गए है| लिपि की परिभाषा कुछ इस प्रकार है –
मौखिक ध्वनियों को लिखकर प्रकट करने के लिए जिस विधि अथवा जिन निश्चित किये गए चिन्हों का प्रयोग किया जाता है, उसको लिपि कहते है| हिन्दी, संस्कृत और मराठी भाषाओ की लिपि ‘देवनागरी’ है| पंजाब भाषा ‘गुरुमुखी’ लिपि में तथा अंग्रेजी भाषा ‘रोमन’ लिपि में लिखी जाती है|
भाषा के खण्ड Units of Language
भाषा के तीन खण्ड या इकाईयाँ है| वाक्य भाषा की मुख्य इकाई है| वाक्य कई शब्दों से बनता है अतः शब्दों की भाषा की दूसरी इकाई है| अब शब्द कई वर्णों की ध्वनियों से मिलकर बनता है अतः वर्ण भाषा की तीसरी इकाई है| इस प्रकार भाषा की तीन इकाइयाँ है|
1. वर्ण
2. शब्द
3. वाक्य
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