हिजला मेला का आयोजन झारखंड के किस जिले में किया जाता है. संथाल परगना दुमका जिला का सबसे बड़ा मेला जिसे राजकीय त्योहारों की सूची में शामिल किया गया है | हिजला मेला ब्रिटिश काल से चला अह रहा है | तब ब्रिटिश के जिला मजिस्ट्रेट रोबर्ट्स केस्टार के समय इस मेला को शुरू किया गया था |

जिसका मेन उद्देश्य यहाँ आदिवासी के साथ मेल जोल बढ़ाना और उनकी जो रीती रिवाज , जीवन शैली और सामाजिक कार्यशैली को बेहतर रूप से समझना आदि | हिजला शब्द “हिज लॉज” से बना है | ब्रिटिश समय में यंहा के ग्रामीण इस मेले में कई सामान लेकर आते थे | जिसे बेच कर दूसरा अपना  जरुरत के सामान लेता था |

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फरवरी महिना में लगता है मेला

मग ,फाल्गुन यानी फरवरी महिना में लगने वाला हिजला मेला जो एक साप्ताहिक मेला है | राज्य सरकार ने इस मेला को 2008 में धूमधाम से मानाने का फैसला किया | उसके बाद 2015 में इस मेला को राजकीय मेला में शामिल किया गया |

किस क्षेत्र में लगता है

त्रिकुट पर्वत से निकलने वाली मयूराक्षी नदी के किनारे हिजला मेला प्रत्येक वर्ष बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है | यहाँ नदी किनारे और पर्वत पहाड़ के मध्य होने के चलते पंक्षीयो का चहकना जो इस मेले को और सौन्दर्य बना देता है | इस मेले में कला , नृत्य  संगीत का प्रदर्शन किया जाता है |

इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय कला का प्रतियोगिता होता है | इस मेला में पुस्तक की दुकाने , खाने की सामग्री ,खानपान से जुड़ा हुआ ,पशुओ की बाज़ार हस्तशिल्प जैसे ढेरो स्टाल लगाये जाते है | जिसकी निगरानी जिला प्रसाशन करती है |

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