हज़ारीबाग किस राज्य में है
हज़ारीबाग जिला भारत के झारखण्ड राज्य मे स्थित है. जो झारखण्ड राज्य का एक जिला का हिस्सा है. जो झारखण्ड राज्य की राजधनी रॉची से लगभग 97 किलोमीटर की दुरी पर है. और national higway से 33 किलोमीटर की दुरी मे स्थित है.
जो उत्तर-पूर्व के उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के अंतर्गत मे आता है. इस जगह पर कई ऐसे बहुत सारे छोटे-बड़े पहाड़ तथा पठार पाया जाता है. इस जिला में तीन प्राकृतिक पठार है. Lower plateaus, medium plateaus और Damodar valley है.
जो lower plate की ऊंचाई समन्द्र तल से लगभग 1300 फीट मे है. और medium plate की ऊंचाई समन्द्र तल से लगभग 2000 फीट मे है. और damodar valley की ऊंचाई रामगढ़ जिले के दक्षिण हिस्से से लगभग 1000 फीट की ऊंचाई मे स्थित है.
हज़ारीबाग जिला का निर्माण सन 1886 मे किया गया था. हज़ारीबाग जिला एक नगरपालिका है. इसे एक नगरनिगम के रूप मे घोषित किया गया है. जो उत्तरी छोटानागपर प्रमंडल का एक मुख्यालय है.हज़ारीबाग का अर्थ है,
हज़ार का अर्थ हज़ारों मे और बाग का अर्थ बाग बगीचा, नगरपालिका प्रशासन की प्रणाली शरू किया गया था.जिसमें नगरपालिका की स्थापना हुआ था.
जो एक ब्रिटिश शासको के तहत भारत मे एक स्थानीय स्व-सरकारी प्रतिष्ठान की सबसे पुरानी इकाइयों मे से है.जो हज़ारीबाग जिला को एक सक्षम और आदर्श जिला बनाने की और बढ़ रहा है.
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हज़ारीबाग जिला का आकड़ा
जिला | हजारीबाग |
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क्षेत्रफल | 4313 वर्ग किलोमीटर |
जनसँख्या | 1734495 |
पुरुष साक्षरता दर | 81.15% |
महिला साक्षरता दर | 59.25% |
पुरुष जनसंख्या | 890881 |
महिला जनसंख्या | 843614 |
गाँवों की संख्या | 1324 |
पंचायत की संख्या | 257 |
भाषा | हिंदी ,संथाली ,खोरठा |
R.T.O कोड | JHO2 |
PIN CODE | 825301 |
हजारीबाग जिला कब बना
हज़ारीबाग जिला को 1886 मे स्थापित किया गया था. जो बाद मे हज़ारीबाग जिला से ही काटकर सन 1972 मे गिरिडीह जिला को बनाया गया और चतरा, रामगढ़, तथा कोडरमा जैसे जिला को विभाजित किया गया.
Hazaribagh जिला का चौहदी
यह हज़ारीबाग जिला उत्तरी प्रमंडल के उत्तर-पर्व भाग मे आता है. इस जिले की चौहदी उत्तर मे गया जिला (बिहार )और कोडरमा, पुर्व मे गिरिडीह और बोकारो, दक्षिण मे रामगढ़ और पश्चिम मे चतरा जिला हज़ारीबाग जिला से सटा हुआ है.
Hazaribaghहजारीबाग किसके लिए प्रसिद्ध है
हज़ारीबाग जिला एक प्रसिद्ध स्वास्थ रिसोर्ट है, तथा यहाँ विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु और वनस्पतियाँ पाई जाती है. यहाँ कई तरह के क्षेत्र मे सुन्दर मंदिर भी है. जो ब्रिटिश के शासन कल मे यहाँ के स्थान पर एक छावनी था.
जो भारत के स्वतंत्रता सेनानी संग्राम मे इनका बहुत बड़ा योगदान था.हज़ारीबाग मे खनिज़ और आयस्को से भी भरपूर भारा पड़ा है.
इस स्थान की प्राकृतिक सुन्दरताओं साहसिक कार्यों के प्रति उत्सक लोगो और प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करती है. यह क्षेत्र घने उष्ण कटिबाँधीय वनो से प्रवेश करती है. जिसमें विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधा पाया जाता है.
इस क्षेत्र मे अधिकतर जनजातीय लोग ही निवेश करते है|
Hazaribagh हजारीबाग जिला मे कितना प्रखंड है
जिला मे कुल 16 प्रखंड है,जो प्रकार से है
- बरही
- बरकागांव
- बारकट्टा
- बिष्णुगढ़
- चलकुशा
- चौपारण
- चुर्चु
- डाडी
- दारू
- ईचक
- काटकमढंग
- काटकमसाण्डी
- केरेडारी
- पदमा
- सदर
- टाटीझरिया
पंचायत
Hazaribagh हजारीबाग जिला मे कुल पंचायतो की संख्या 257 है. और कुल गांव की संख्या 1324 है.
अनुमंडल
Hazaribagh हजारीबाग जिला मे कुल 2 अनुमंडल है. जो इस प्रकार है :-
- हज़ारीबाग
- बरही
हजारीबाग जिला मे कितना विधानसभा है
हज़ारीबाग जिला भारत के झारखण्ड राज्य का विधानसभा का एक निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है. हज़ारीबाग जिला मे कुल 4 निर्वाचित विधानसभा क्षेत्र है, जो इस प्रकार से है.
- बरही
- बरकागांव
- मांडू
- हज़ारीबाग
हजारीबाग जिला में कृषि
कृषि मनुष्य के लिए जीविका ही नहीं बल्कि रोजगार का भी एक साधान है . यहाँ की खेती ज्यादातर मौसम पर ही निर्भर रहता है .वैसे तो चावल, अरहर, धान, गैंहूँ बंजरा, मक्का, चना आदि फसल उगाया जाता है .
स्वास्थ सेवा
विश्व स्वास्थ संगठन (W.H.O)के अनुसार स्वास्थ सिर्फ रोग या दुर्बलता की अनुपस्थिति ही नहीं बल्कि एक पूर्ण शारीरिक मानसिक और सामजिक खुशहाली ही स्वास्थ का पहचान है. मानसिक और सामाजिक रूप से पुर्णतः स्वास्थ होना ही स्वास्थ है.
किसी व्यक्ति की मानसिक शरीर को सामाजिक रूप से अच्छे होने की स्थिति को स्वास्थ कहते है. स्वास्थ का अर्थ विभिन्न लोगो के लिए अलग-अलग होता है.जो अपने जीवन मे आने वाली सभी सामाजिक शारीरिक और भावनात्मक चुनोतियों का प्रबंध करने मे सफलतापूर्वक सक्षम हो.
वैसे भी आज के समय मे शरीर को स्वास्थ रखने के लिए ढेर सारी आधुनिक तकनीक मौजुद है. (जैसे :- जिम सेंटर ) जिससे बीमारी दूर राह सके. और फिर मनुष्य को हॉस्पिटल की सुविधा से भी बीमारी से दूर राख सकता है.
हज़ारीबाग मे भी कई ऐसे छोटे-बड़े हॉस्पिटल मौजुद है. जैस:-सदर अस्पताल हज़ारीबाग, हज़ारीबाग नर्सिंग होम, मिशन अस्पताल, हज़ारीबाग चाइल्ड नर्सिंग होम, आदि.
हजारीबाग के शिक्षण संस्थान
शिक्षा एक ऐसी प्रणाली है.जिसमें एक समाज अपने शिक्षा और ज्ञान को एक पीढ़ी से दूसरे पीढ़ी को दे सकता है. शिक्षा को बाल रचनात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ाना तथा कलात्मक क्षमता को बढ़ाने के लिए एक अवसर प्रदान करता है.
शिक्षा हमारे आस-पास तथा दुनिया के बारे मे ज्ञान देता है. ज़्यदातार देशों मे शिक्षा की औपचारिकता व्यवस्था होता है.जो आमतौर पर अनिवार्य होता है.इसी तरह से झारखण्ड सरकार बेहतर और गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए शहर तथा गांव के सभी वर्गों के बच्चों को गुणवत्तापर्ण शिक्षा मिल सके.
झारखण्ड सरकार का हमेशा से ही प्राथमिकता रहा है कि गांव और शहर के बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सके.
शिक्षा यूनिवर्सिटी
संत कलम्बस (sant coloumbs)कॉलेज हज़ारीबाग जिसे पहले डरबिन यूनिवर्सिटी मिशन कॉलेज के नाम से जाना जाता था.यह संत कलम्बस कॉलेज विनोबा भावे विश्वविधालय हज़ारीबाग का एक अंगीकृत इकाई है.
संत कलम्बस कॉलेज हज़ारीबाग का स्थापना सन 1899 मे आयरलैंड विश्वविधालय कि मदद से कि गई थी.यह कलम्बस कॉलेज हज़ारीबाग के कोर्रा रोड मे स्थित है.इस कॉलेज मे Science और artsके लिए पढ़ाई होता है.
यह कॉलेज post graduate कॉलेज है.इस कॉलेज मे दाखिला लेने के लिए सबसे पहले एक online form भरना पड़ता है. जिसके पश्चात merit shortlis तैयार होने के बाद प्रवेश मिलता है.
संत कलम्बस कॉलेज डिपार्टमेंट
- Computer application
- physics
- mathematics
- chemistry
- Botany
- Zoology
- Geology
- English
- Economics
- History
- psychology
- political science
विनोभा भावे विश्वविद्यालय हज़ारीबाग
विनोभा भावे यूनिवर्सिटी हज़ारीबाग यह यूनिवर्सिटी उत्तरी छोटानागपर प्रमंडल मे स्थापित है. हज़ारीबाग शहर झारखण्ड मे शिक्षा के मामले मे एक एजुकेशन हब बन गया है.यह विनोभा भावे यूनिवर्सिटी कि स्थापना सन 17 सितम्बर 1992 मे किया गया है.
राँची यूनिवर्सिटी के विभाजन के बाद यह अस्तित्व में आया. 15 नवंबर 2020 को अलग झारखण्ड राज्य का गठन होने बाद झारखण्ड राज्य मे आया.इसका मुख्यालय हज़ारीबाग है,जो कि हरे-भरे जंगलो के बीच वनीय परिवेश और शांति वाला शहर है.
अंत मे1990 के अधिनियम के तहत बिहार राज्य सभा ने बिहार राज्य विश्वविधालय अधिनियम 1976 मे संशोधन करके राँची विश्वविधालय से अलग होकर विनोभा भावे विश्वविधालय हज़ारीबाग का गठन किया गया.
नई दिल्ली विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को मान्यता देते हुए.विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम 1956 कि धारा 12 B के तहत इसे पंजीकृत किया गया है.
संत जेवियर स्कूल हज़ारीबाग
हज़ारीबाग जिला मे जेवियर स्कूल एक निजी संस्था है. जो केन्द्र के CBSE से affiliated है. जेवियर स्कूल मे प्राथमिक से लेकर माध्यमिक कक्षा तक कि पढ़ाई होता है. इस स्कूल का संस्थापक ईसा मसीह संम्प्रदाय ने किया.
इस स्कूल का स्थापना सन 1952 को एक छोटे से शहर हज़ारीबाग मे किया गया.जिस स्कूल मे छात्रों कि संखया लगभग 1700 है.
यह स्कूल लगभग 33 से लेकर 34 एकड़ भूमि मे बनाया गया है.संत जेवियर स्कूल ऑस्ट्रेलियाई जेसुट मिशनरी और यीशू के हज़ारीबाग सोसाइटी के तहत स्वामित्व और संचालित कि जाती है. यहाँ स्कूल एक ईसाई अल्पसंख्यक स्कूल है.
संत जेवियर स्कूल हज़ारीबाग के प्रदशनीय छात्रों का नाम
- राज कुमार गुप्ता (फ़िल्म निर्देशक )
- बूलू इमाम (पदम् श्री पुरुस्कार विजेता )
- ए. गीतेश शर्मा (आई.एफ.एस )
- तपन सेन (कलाकता उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश )
- रमेश कुमार ठाकुर (संयुकत राष्ट्र के पुर्व सहायक महासचिव )
मर्खम कॉलेज हज़ारीबाग
मर्खम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स हज़ारीबाग जिला मे स्थित है.यह कॉलेज अपने जिला और बाहर के लोगो के लिए भी शैक्षिणिक आकांक्षाओं को पूरा करता है.उत्तरी छोटानागपुर मुख्यालय मे पहली बार डिग्री स्तर वाणिज्य शिक्षण संस्थान का शुरुवात हआ.
इस कॉलेज का स्थापना सन 1970 मे किया गया.प्रसिद्ध उद्योगपति एवं bussines man टाइकुन श्री बी. डी. जयसवाल इस कॉलेज के संस्थापक थे.हज़ारीबाग मे दर्शनशस्त्र के रूप मे इस आदिवासी पिछड़ें इलाके को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने मे विशेष जोर दिया गया था.
सन 1974 मे इंटरमीडिएट कला और वाणिज्य का पहला सत्र शुरू हुआ.और 1977 मे राँची विश्वविधालय से स्नातक कला तथा वाणिज्य विषयों के लिए मान्यता दिया गया.
इस कॉलेज के स्थापना के समय डॉ. रामेश्वर तिवारी जिन्होंने एक संस्थापक principal के रूप मे लिया.आज के समय मे हज़ारीबाग मे वाणिज्य विषय के लिए एक प्रसिद्ध कॉलेज है.
हजारीबाग के पर्यटन स्थल
पर्यटन स्थल वह मनोरमा या विशिष्ट स्थान है.जहाँ घुमने-फिरने के उददेश्य से जाता है.उसे पर्यटन स्थल या भ्रमण स्थल,दर्शनीय स्थल भी कहते है.उसी तरह से हमारे हज़ारीबाग जिला मे कई ऐसे पर्यटन स्थल है.
हज़ारीबाग वन्यजीव अभ्यारण
वन्यजीव अभ्यारण सरकार अथवा किसी अन्य संस्था के तहत संरक्षित वन पशु-विहार या पक्षी विहार को ही अभ्यारण कहते है. इस वन्यजीव अभ्यारण का मुख्य मकसद पशु,पक्षी या वन सम्पदा को संरक्षित करना या उसका मदद करना.जीव – जंतु को संरक्षण
और अपनी स्वतंत्रता कि स्थिति मे जंगली-जानवरों को देखने के लिए एक सक्षम राष्ट्रीय उधान गठित किया गया. हज़ारीबाग वन्यजीव अभ्यारण हज़ारीबाग शहर से लगभग 10 किलोमीटर कि दुरी मे है.
इस जंगल मे जंगली जानवरों को निगरानी के लिए रहने का भी सुविधा उपलब्ध किया गया है.जिसके तहत हज़ारीबाग से करीब 18 किलोमीटर मील कि दुरी पर राजदरवाट में वन रेस्ट हाउस का निर्माण किया गया है.
यह हज़ारीबाग वनजीव अभ्यारण का स्थापना सन 1976 मे किया गया था.इस वन्यजीव अभ्यारण का क्षेत्रफल 184 वर्ग किलोमीटर है. इस अभ्यारण मे नीलगाय,चीता,जंगली बैल, तेदुवा, बाघ आदि तरह के जीव जंतु पाया जाता है.
pintrest के बारे में
सूर्य कुंड कहां है
सुर्य का अर्थ होता है.गर्म और कुंड मतलब कुआ होता है.यह सुर्यकुण्ड हज़ारीबाग के बारकट्टा ब्लॉक मे है.हज़ारीबाग मुख्यालय से लगभग 72 किलोमीटर कि पे G.T. road मे है. इस सुर्यकुंड जगह से हज़ारीबाग रेलवे स्टेशन करीब 32 किलोमीटर है.
इस जगह पर पानी का सामान्य तापमन 169 से 190 डिग्री फारेनहाइट (F) पर रहता है. इसलिए यह झारखण्ड का सबसे अधिक गर्म स्थान को घोषित किया गया है. दो गर्म झरनों के अलावा एक ठंडा बसंत भी है. इस जगह पर 5कुंड है|
सूर्यकुंड,लक्ष्माणकुंड,ब्रहाकुंड,रामकुण्ड,और सीताकुंड है.इसके साथ यहाँ पर एक दुर्गा मंदिर भी है. यहाँ पर सर्दियों के मौसम मे बड़ी संख्या में प्रयटक भ्रमण करने आते है|
हजारीबाग के कैनरी पहाड़
कैनरी पहाड़ झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला मे है.हज़ारीबाग से लगभग 3 से 4 किलोमीटर कि दुरी मे है.इस कैनरी पहाड़ के शीर्ष पर एक डाक बांग्ला है. कैनरी पहाड़ के नजदीक और एक पहाड़ है.
इस कैनरी पहाड़ के शीर्ष से हज़ारीबाग का पूरा दृश्य देखता है.पहाड़ पर तीन झील भी है जो पहाड़ कि खूबसूरती को बढ़ाता है.यहाँ पर दृश्य इतने खूबसुरत होते है.
कि प्रयटक स्थल पर बहुत सुंदर सुशील नजर पेश करता है.पहाड़ के अगल-बगल जंगल नज़र ही आता है.हज़ारीबाग रेलवे स्टेशन से लगभग 8 किलोमीटर कि दूरी मे है|
हजारीबाग के ईचाक मंदिर
यह ईचाक मंदिर हज़ारीबाग जिला मे है. हज़ारीबाग जिला मुख्यालय से लगभग 14 किलोमीटर कि दूर मे है. ईचाक मंदिर पर एक समय यहाँ पर सिंह राजाओं का राजधनी हुआ करता था. जो रामगढ़ राज घराने से सम्बन्ध रखता था.कहा जाता है, कि इन्ही राजाओं
के शासनकाल (18वीं सदी) मे यहाँ पर 170 मंदिरों का निर्माण हुआ था| ईचाक के सभी मंदिर के सामने तालाब का भी निर्माण किया
गया है. यहाँ के प्रसिद्ध मंदिरों मे से एक बुढ़ी माता मंदिर भी है.इस जगह पर कई अलग-अलग राज्य से पुजा-अर्चना के लिए आते है.
इनके बगल मे अन्य मंदिरों मे से एक सुर्य मंदिर भी है जो एक प्रसिद्ध मंदिर है.यहाँ सुर्य मंदिर के पीछे एक गुफा था.जो इसे तत्काल मे बंद कर दिया गया ऐसा माना जाता है कि सुरंग की लम्बाई लगभग 5 किलोमीटर है| जिसका दूसरा सिरा सिंह राजा के पदमा स्थित
महल मे जा कर खुलता है. जहाँ से महारानी इसी सुरंग के रास्ते से सुर्य मंदिर मे पूजा करने आती थी. जन्माष्टमी की रात कभी कृष्णा का बांसुरी बजता था. जिसको सुनने के लिए राजा और प्रजा रातभर जागरण करते था.