लातेहार जिला के बारे मे latehar jila ke bare mein

लातेहार जिला 

झारखण्ड के 24 जिलो में से एक लातेहार जिला है. जो अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के लिए एक लोकप्रिय जिला माना जाता है. प्राकृतिक ने इस जगह को भरपूर हरियाली से भरा है. लातेहार जिला आज के समय में, पर्यटकों ने इसे और भी फेमस जगह बना दिया है. क्योंकि यहाँ दुसरे राज्य एवं दुसरे जिले से लोग आते है. और इन खुबसूरत हरे भरे जगह को अपने कैमरे में कैद करके ले जाते है. अगर आपको भी मौका मिले तो एक बार जरुर जाये, इस जगह को देखने के लिए,

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लातेहार जिला के बारे में

यह जिला झारखण्ड का 19वा जिला है. जो पहाड़ी एवं प्राकृतिक हरियाली से घिरा हुआ है. लातेहार जिला अपनी प्राकृतिक सुन्दरता, वन्य उत्पाद एवं खनिज के लिए प्रसिद है. ये जिला रांची, लोहरदगा, गुमला, पलामू, और चतरा जैसे जिलो से घिरा हुआ है. लातेहार जिला, राजधानी रांची से लगभग 100 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है. लातेहार जिले का क्षेत्रफल 3622 वर्ग किलोमीटर है.

लातेहार जिला राँची-डालटनगंज रोड मे स्थित है!  लोग इस जिला को छोटानागपुर की रानी भी कहते है, क्यूंकि झारखण्ड के इसी  जगह में सबसे अधिक ठंडा रहता है.  इसलिए इन जगह को प्राकृतिक के सुंदरता के लिए प्रसिद जगह मना जाता है,  झारखण्ड सरकार के अधिसूचना के तहत 04.04.2001 को अनुमंडल का दर्जा दिया गया!   तब से यह झारखण्ड मे एक जिले के तौर पर पहचान मिली! लातेहार जिला झारखण्ड राज्य के पलामू प्रमंडल मे स्थित है! और ये जिला पर्यटन तथा प्राकृतिक का एक सौंदर्य जगह है|

एक नजर जिला के बारे में

जिला – लातेहार

जनसँख्या – 726978

पुरुष – 369666

महिला – 357312

भाषा – हिंदी

गाँव – 772

पिन कोड – 829206

R.T.O CODE  – JH19

लातेहार जिला कब बना latehar jila kab bana

यह जिला 4 अप्रैल 2001 को बनाया गया था. इससे पहले यह पलामू जिला का हिस्सा हुआ करता था.

लातेहार जिला क्यों प्रसिद है

ये जिला अपनी प्राकृतिक सुन्दरता और खनिज के लिए प्रसिद है. इसकी हरियाली और घने जंगलो के करण, ये आज के समय में एक पर्यटक स्थल है. झारखण्ड का दूसरा जिला जो सबसे अधिक झरनों से भरा पड़ा है. लातेहार जिला के मौसम सालो भर ठण्ड रहती है. झारखण्ड का दूसरा कोई भी ऐसा जिला नहीं है. जो सालो भर ठण्ड रहता हो. इसके अलावा यहाँ की खनिज लेटेराइट, बॉक्ससाइट, कोयले और डोलोमाइट की खदाने पूरे विश्व मे प्रसिद है.

लातेहार जिला का जलवायु

यहाँ गर्मी के मौसम में ठण्ड रहती है. क्योंकि लातेहार जिला घने जंगलो से घिरा हुआ है. और यहाँ वर्षा भी 60 इंच से अधिक नही होती है. इस जिला में जुलाई और अगस्त के महीने में अच्छा मौसम रहता है.

कृषि और सिंचाई परियोजना 

जिला में कृषि एक प्रमुख साधन है. यहाँ मुख्य रूप से धन, गेंहू, बाजरा, मक्का, कुर्थी, अरहर, दलहन आदि के फसलो का भरपूर उत्पादन होता है. इसके अलावा मौसमी सब्जी की भी खेती की जाती है. यह जिला के लिए रोजगार का एक प्रमुख साधन भी है.

लातेहर जिला में लैटराईट मिटटी पायी जाती है. जो अरहर की खेती के लिए उपयोगी मना  जाता है.

 जिला में खन और खनिज

भू- वैज्ञानिक के रिपोर्ट के अनुसार लातेहार जिला में कोयला. बाक्साइट, डोलोमाईट, ग्रेफाइट जैसे खनिज है. कितना अधिक है. इस बात का पूरी तरह से पता नही लग पाया है. इसके अलावा ग्रेनाईट, फायरक्ले, जैसे खनिज की खुदाई के करण यहाँ के कुछ लोगो को

रोजगार भी दिया गया है. लोग इसी खदान में मजदूरी का काम करके अपने जीवन का गुजर बसर करते है. वैसे इस जिला में खनिज से जुड़ा कोई भी बड़ा उधोग नही है.

अर्थवयवस्था

लातेहार जिला का अर्थव्यवस्था पूरी तरह कृषि, वन्य उत्पाद, एवं खनिज पर निर्भर है. जिसमे कृषि का अहम् योगदान है.

कृषि – जिला में बड़ी संख्या में लोग इस काम से जुड़े हुए है. यहाँ के लोग कृषि को मजदूरी के रूप में या किसान के रूप में काम करते है. जो एक रोजगार का एक बेहतर साधन बन गया है. फसल की अच्छी उत्पादन के लिए कर्मा पूजा को बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है.

वन्य उत्पाद – जिला के आदिवासी वन्य उत्पाद को भी रोजगार का रूप दिया है. जिसमे केंदु के पत्ते, बांस से बने टोकरी, एवं महुआ, फलो, पत्ते से उत्पाद तैयार किया जाता है. इसके अलवा साल के पत्ते से दोना, पाताल आदि को बनाया जाता है. यहाँ के आदिवासी अपने भोजन के लिए जंगल में शिकार भी करते है.

खनिज – उपर खनिज के बारे बताया गया है.

पशु पालन – जिला में पशुपालन की स्थिति बहुत अच्छी नही है. गाय. बकरी तो है. मगर ये सभी देशी नस्ल के है. जिससे दूध की उत्पादन भी काम होता है. जिला में पशुपालन बहुत ही सुविधा जनक हो सकता है. जिससे रोजगार के लिए भी अपर संभावना पैदा किया जा सकता है.

व्यापर – ये कहना गलत नही होगा की जिला अभी भी पूरी तरह विकसित नही हुआ है. क्योंकि उधोग और रोजगार इस जिला में सिमित है. पूरी तरह खेती और वन्य उत्पाद पर ही निर्भर रहना पड़ता है.

वनस्पति एवं वन्य जीव

लातेहार जिला का अधिकतम भाग घने जंगल से घिरा हुआ है. जिसमे मुख्य रूप से साल. महुआ, शीशम, कटहल, तेंदू के पते, बांस, आम जैसे पेड़ो से भरा पड़ा है. जिसमे यहाँ के आदिवासी फूल और पतों से सुन्दर कलाकृति बनाते है. इसमें बांस की टोकरी बहुत लोकप्रिय है.

जिला के लातेहार जंगल में कहीं कहीं बाघ है. जो वन विभाग के अंतर्गत है. वैसे इस जंगल में लोमड़ी, खरगोस, मोर, जैसे वन्य जीव निवास करते है. इसके अलावा पालतू जानवर में भेड़, बकरी, गाय, सुवार आदि शामिल है.

  कॉलेज और यूनिवर्सिटी 

जिला में दो कॉलेज है. जो इस प्रकार है.

गाँधी इंटर कॉलेज, लातेहार

बनवारी साहू कॉलेज, बानपुर लातेहार

लातेहार जिला में स्कूल

जिला में चार स्कूल है. जो इस प्रकार है.

आर.के हाई स्कूल, लातेहार

प्रोजेक्ट हाई स्कूल, ससंग लातेहार

रेजिडेंट हाई स्कूल, नेतरहाट लातेहार

संत टेरेसा गर्ल्स हाई स्कूल, महुआडाँड लातेहार

स्वास्थ सेवा

लातेहार जिला के  हॉस्पिटल,  जो इस प्रकार है.

कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, गरु लातेहार

सदर हॉस्पिटल लातेहार

लातेहार जिला के थाना

जिला में 12 थाना है. जो इस प्रकार है.

गारू थाना

हेरहंज थाना

लातेहार थाना

महिला थाना

मनिका थाना

नेतरहाट थाना

छिपादोहर थाना

चंदवा थाना

बरवाडीह थाना

बारेसाढ थाना

बालूमाथ थाना

महुआडाँड थाना

जिला मे कितना प्रखंड है latehar jila me kitna prakhand hai

जिला मे 2 अनुमंडल है

1 लातेहार

2.महुआडाड

और साथ में 9 प्रखंड भी आते है,ये प्रखंड इस प्रकार से है 

1 बरवाडीह

2 मनिका

3 बलूमाथ

4 चंदवा

5 लातेहार

6 गारू

7 बारीयतु

8 हैरहंज

9 महुआडाड

 लातेहार जिला मे कितना पंचायत और गाँव है?

latehar jila me kitne panchayat hai

जिला मे कुल 115 ग्राम पंचायत है और साथ मे 772 गाँव की संख्या है

लातेहार जिला मे कितने विधानसभा है?

यह जिला जब से पलामू जिला से अलग हुआ है, तब से यहाँ 2 निर्वाचित विधानसभा बनाया गया जिसका नाम है!

लातेहार

मनिका

नेतरहाट का परिचय

लातेहार जिला का एक गाँव है. जो पहाडियों में स्थित एक पर्यटक स्थल भी है. जिसे हम नेतरहाट के नाम से जानते है. नेतरहाट का दूसरा नाम जिसे पहाड़ो की मलिका या छोटानागपुर की रानी के नाम से भी जाना जाता है. नेतरहाट एक आकर्षक पर्यटक स्थल है.

नेतरहाट की ऊंचाई समुद्र सतह से 3622 फीट पर है. प्रकृति ने इस जगह को बहुत ही सुन्दरता से सजाया है. इस जगह पर लोग सूर्योदय और सूर्यास्त का खुबसूरत नजारा देखने के लिए आते है. इसके साथ यहाँ छोटे – छोटे जलप्रपात घागरी और लोअर घागरी

भी है. जो ये भी देखने लायक है. नेतरहाट की खूबसूरती को देखने के लिए दूर – दूर से पर्यटक सालो भर आते रहते है. नेतरहाट राजधानी रांची से लगभग 100 किलोमीटर की दुरी पर लातेहार जिला के पश्चिम भाग में स्थित है. इस जगह में गर्मी के मौसम में सेलानियो की भीड़ रहती है. क्योंकि गर्मी के मौसम में यहाँ ठण्ड रहता है.

नेतरहाट स्कूल की जानकारी

यहाँ पर नेतरहट आवासीय विधालय जैसे बहत ही बिख्यात स्कलों मे से एक प्रसिद स्कूल है, जो पूरे भारत भार मे अपना नाम को रोशन करता है|  नेतरहट आवासीय विधालय का स्थापना 15 नवंबर 1954 को किया गया था! यह आवासीय विधालय झारखण्ड मे

शिक्षा जगत मे विशिष्ट उपलब्धियाँ हासिल किया है! यह आवासीय विधालय 780 एकड़ जगह मे बना है,  इस स्कूल से प्रत्येक साल STATE TOPPER विधार्थी निकलते है! नेतरहट आवासीय विधालय मे कक्षा 6-12 के कक्षाएं संचालित कि जाती है! इस विधालय मे

ADMISSION लेने के लिए एक राज्य स्तरीय ENTRANCE EXAM पास करना पड़ता है! तब जा के इस नेतरहट आवासीय विद्यालय मे कक्षा 6 मे ADMISSION मिलता है, यह ENTRANCE EXAM राज्य सरकार प्रत्येक साल आयोजित करती है! इसके बाद MERIT LIST के आधार पर ADMISSION होता है.

नेतरहाट विधालय प्रवेश प्रक्रिया

इस स्कूल मे प्रवेश होने के लिए इच्छुक विधार्थी नेतरहट आवासीय विधालय के OFFICIAL WEBSITE में जा के ONLINE FORM  भर सकते है! ONLINE FORM FILLUP  होने के बाद राज्य सरकार एक ENTRANCE EXAM  लेती है! जो की 2 पाली मे

आयोजित की जाती है,  जो प्रथम पाली की परीक्षा वस्तुनिष्ट (OBJECTIVE TYPE) होती है! और फिर सेकंड पाली का परीक्षा बिषयनिष्ट (SUBJECTIVE Type) रहता है, इस परीक्षा का विषय हिंदी, मानसिक योग्यता, विज्ञान, सामान्य ज्ञान, और गणित के 20-

20 प्रश्न होते है! फिर वही परीक्षा सेकंड पाली मे SUBJECTIVE PAPER हिंदी, गणित, विज्ञान, और सामान्य ज्ञान के 25 -25 प्रश्न रहते है! OBJECTIVE PAPER मे QUALIFYING बच्चों की कॉपी SHORTLIST की जाती है,  तब जा के SUBJECTIVE PAPER का कॉपी जाँच किया जाता है!

आवेदन के लिए जरुरी पात्रता :-

1 झारखण्ड राज्य का मूल निवासी होना अनिवार्य है

2 स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र तथा जाति प्रमाण पत्र अंचल अधिकारी याँ अनुमंडल पदाधिकारी का निर्गत होना चाहिए!

3 झारखण्ड राज्य के किसी सरकारी मान्यता प्राप्त विधालय से पाँचवी कक्षा पास किया हो!

4 परीक्षा पास होने के उपरांत अपने ही विधालय  के HEADMASTER से हस्तक्षरित कक्षा पाँच का पास किया हुआ प्रमाण पत्र आवश्यक हो!

नोट :- official website www.netarhatvidyalaya.com

नेतरहाट के पर्यटन स्थल

उपरी घाघरी झरना – ये जगह नेतरहाट से लगभग 4 किलोमीटर की दुरी पर है. जो पिकनिक स्थल के लिए बहुत जादा लोकप्रिय है.

निचली घाघरी झरना – ये जगह नेतरहाट से 10 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है. जो घने जंगलो के बीच से झरने गुजरती है.

लगभग 32 फीट की  ऊंचाई से पानी गिरता है. इसको देखने के लिए हजारो की  संख्या में सेलानी गर्मी के मौसम में आते है. और खास बात यहाँ की  जंगल इतने घने है. की सूरज की रोशनी भी पार नहीं हो पाती है.

चीड वन – नेतरहाट में चीड वन के बीच एक उधन है. जो लोग इसको देखने के लिए उत्सह रहते है. वैसे पुरे झारखण्ड से यहाँ का मौसम सबसे अच्छा रहता है.

लातेहार जिला आकर्षक स्थल

तातापानी – लातेहार जिला से लगभग 7 से 8 किलोमीटर की दुरी पर ये जगह स्थित है.  जो सुकरी नदी के किनारे गर्म पानी के लिए

लोकप्रिय है. यहाँ के स्थानीय लोग और पर्यटक इस गर्म पानी में स्नान करने का मजा उठाते है. वैसे ये पानी सल्फर युक्त पानी है. जो त्वचा रोगों के लिए अच्छा मना जाता है.

नारायणपुर का किला – ये जगह लातेहार जिला से करीब 11 किलोमीटर की दुरी पर है. जो नवागढ़ गाँव के पास स्थित है. यह किला 16वी शताब्दी में चेर्वोनिश के शासक भगवत राय द्वारा बनाया गया है.

कांती झरना – यह झरना लातेहार जिला में बहुत जादा लोकप्रिय है. सेलानियो के लिए एक आकर्षक पर्यटक स्थलों में से एक है.

इंद्रा जल झरना – ये जगह लातेहार जिला के एक तुबेध नाम के गाँव के पास स्थित है. जो पहाड़ो. नदियों और घने जंगलो से ढाका

हुआ है. ये झरना लगभा 30 फुट ऊँचा है. तुबेध डैम और झुका हुआ गुफा भी देखा जा सकता है. जो इस झरने के करीब है. मानसून के मौसम में इसे अच्छी तरह से देखा जा सकता है.

बेतला राष्ट्रीय उधान- छोटानागपुर की पठार लातेहार जिला के झारखण्ड राज्य मे स्थित यह राष्ट्रीय बेतला उधान पार्क वन्य जीव के लिए प्रसिद है! बेतला राष्ट्रीय उधान मे बाइसन, हाथी, शेर, तेंदुवा, और चिता आदि जानवर देखने को मिलते है| उधान मे वन्य जीवो

को देखने के लिए विभिन्न जगह से यहाँ लोग देखने के लिए आते है| इस पार्क के अंदर spotlight हाथी की सवारी भी की जाती है| बेतला राष्ट्रिय उधन मे ज्यादातार इलाका पहड़ी क्षेत्र में विस्तृत है| इस पार्क का कुल क्षेत्रफल 226.33 वर्ग किलोमीटर है|

 रीति रिवाज एवं पर्व त्यौहार

जिला में विभिन्न समुदाय एवं धर्मो के लोग निवास करते है. जिसमे आदिवासी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगो की

संख्या सबसे अधिक है. लातेहार जिला में सोहराई, सरहुल, कर्मा, ईद, दुर्गा पूजा, आदि त्यौहार को बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है. सभी धर्मो के लोग अपनी अपनी संस्कृति एवं रीति रिवाज से अपने देवी देवताओ को प्रसन्न करते है.

परिवहन सुविधा

रेल सुविधा – रांची से लातेहार जिला के लिए कुल 4 ट्रेन है. टाटा जाट एक्सप्रेस, पलामू एक्सप्रेस, शक्ति पुंज एक्सप्रेस, आरएनसी बी एस बी एक्सप्रेस है. जो राजधानी रांची से आसानी से रेल मार्ग द्वारा लातेहार जिला पहुंचा जा सकता है.

बस सुविधा – रांची से लातेहार जाने के लिए बहुत सारे बसे है. जो अपनी गंतव्य समय पर चलती है. बता दे कि राजधानी रांची से लातेहार की सड़क मार्ग की दुरी लगभग 110 किलोमीटर है.

हवाई जहाज सुविधा – अभी लातेहार जिला में कोई हवाई अड्डा इस समय नही है. नजदीकी हवाई अड्डा रांची है.

निष्कर्ष 

हमने इस लेख के माध्यम से लातेहार  जिला के बारे में बताने का प्रयास किया है. मै आशा करता हु कि आपलोग भली – भांति समझ गए होंगे. इस लेख में कहीं भी कोई शब्द छुट गया है. तो हमे कमेंट जरुर करे, अगर ये लेख जारा सा भी अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों एवं सोशल मीडिया में जादा से जादा शेयर करे, धन्यवाद्

 

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