रेजिस्टेंस (प्रतिरोध) किसी पदार्थ वह शक्तिशाली गुण है. जो अपने अन्दर से गुजरने वाली करंट का प्रबल विरोध करती है. या करंट के रस्ते में रुकावट पैदा करे. रेजिस्टेंस कहलाता है.रजिस्टेंस को “R” चिन्ह के द्वारा पहचाना जाता है. और इसकी s.i unit ओम (ohm) होता है.
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रेजिस्टेंस किन किन बातो पर निर्भर करता है.
रेजिस्टेंस निम्नलिखित बातो पर निर्भर करता है.
conductor (चालक ) का प्रतिरोध उसके लम्बाई के समानुपाती होती है.
कंडक्टर का रेजिस्टेंस उसके अनुप्रस्थ कट के क्षेत्रफल (cross section area) के उल्टे अनुपात (विलोमानुपाती) होता है.
conductor का रेजिस्टेंस लम्बाई क्षेत्रफल और तापमान पर भी निर्भार करता है.
विशिष्ट प्रतिरोध किसे कहते हैं specific resistance in hindi
किसी पदार्थ के इकाई घन के आमने सामने वाले सिरों के बीच का रेजिस्टेंस specific रेजिस्टेंस कहलाता है. इसका s.i unit Ω मीटर होता है.
रेजिस्टेंस के तापमान पर क्या क्या प्रभाव पड़ता है.इसके बारे में थोडा बिस्तार से समझते है. जेनेरली देखा जाये तो रेजिस्टेंस पर तापमान का प्रभाव पड़ता है. कुछ उदाहरण से समझते है. कोई pure metal(धातु ) जैसे copper ,brass(पीतल ) है इसका जो
रेजिस्टेंस है. वो तापमान बढ़ने पर बढ़ता और तापमान घटने पर घटता है.उसी तरह मिश्र धातु (alloy) का रेजिस्टेंस का तापमान बढ़ने पर थोडा बहुत ही बढ़ पता है. लेकिन इलेक्ट्रिकल सामग्री में इस्तेमाल होने वाला alloy का रेजिस्टेंस जैसा भी तापमान क्यों ना हो
एक जैसा ही रहता है. इसके अलावा कार्बन, इलेक्ट्रोलाईट और इंसुलेटर में भी तापमान बढ़ने पर बढ़ता है. लेकिन रेजिस्टेंस में तापमान बढ़ने पर थोडा बहुत घटता है.
रेजिस्टेंस का तापमान कैसे बढता घटता है
कुछ पदार्थ ऐसे है. जिसका तापमान घटता बढ़ता है
कॉपर वायर(copper wire)
यूरेका वायर(eureka wire )
बैटरी के अन्दर का रेजिस्टेंस
कार्बन रेजिस्टेंस
यहाँ पर Copper wire और ureka का वायर जो होता है. वो तापमान के समानुपाती होता है. इसका निष्कर्ष यह निकलता है. अगर तापमान बढ़ता है. तो रेजिस्टेंस भी बढेगा और तापमान घटता है. तो रेजिस्टेंस भी घटेगा. इसके बाद बैट्री के रेजिस्टेंस और कार्बन के
रेजिस्टेंस भी तापमान के अनुपातिक होता है. अगर इसमें तापमान बढ़ता है. तो रेजिस्टेंस घटता है,और अगर तापमान घटता है, तो इसमें रेजिस्टेंस बढेगा.
Temperature co – efficient of resistance in hindi
जब कोई पदार्थ का रेजिस्टेंस 0 डीग्री तापमान से 1 डिग्री तापमान तक बढ़ता है. तो उसमे प्रति ओम का अन्तर आता है. उसे हम उस पदार्थ का टेम्परेचर ऑफ़ co – efficient कहते है. इसे अल्फा (α)अक्षर से दर्शाया जाता है. कुछ पदार्थ में टेम्परेचर ऑफ़ co – efficient अलग अलग होता है.
किसी में नेगेटिव तो किसी में पॉजिटिव भी होता है. अगर conductor में टेम्परेचर बढ़ने पर उसका रेजिस्टेंस बढ़ जाता है. तो conductor में पॉजिटिव टर्मिनल ऑफ़ co – efficient होता है. उसी तरह इंसुलेटर में टेम्परेचर बढने पर उसका रेजिस्टेंस घाट
जाता है. इसलिए उसमे नेगेटिव टेम्परेचर ऑफ़ co – efficient रेजिस्टेंस होता है. अकेला कार्बन ही है. जिसका रेजिस्टेंस तापमान बढ़ने पर घटता है. जिसको हम टेम्परेचर ऑफ़ co – efficient भी कहते है.
सर्किट किसे कहते हैं Circuit Kise Kehte Hai
सर्किट जिसे परिपथ भी कहते है. किसी भी सर्किट को पूरा करने के लिए रेजिस्टेंस ,बैटरी या जेनेरेटर होना जरुरी है. ये सब के बिना सर्किट पूरा नहीं हो सकता है. सर्किट की परिभाषा जब कोई बैटरी या जेनेरेटर के पॉजिटिव टर्मिनल से करंट निकालकर रेजिस्टेंस
के नेगेटिव टर्मिनल से होकर करंट बैटरी या जेनेरेटर तक वापस पहुंचे तो इसी घटना को हम सर्किट बोलते है. सर्किट को मुख्यता चार भागो में बंटा गया है
ओपन सर्किट open circuit
क्लोज सर्किट close circuit
शोर्ट सर्किट short circui
लीकेज सर्किट leakege circuit
खुला परिपथ किसे कहते हैं Open Circuit Kise Kehte Hai
किसी भी सर्किट में यदि करंट सर्किट को पूरा नहीं कर पता है. तो वह ओपन सर्किट कहलायेगा. एक उदाहरण के जरिये समझते है. अगर कोई स्विच ओन कंडीशन में नहीं है, या फिर तार कहीं पर भी कटा है. तो ये ओपन सर्किट के लक्षण है.
बंद परिपथ किसे कहते हैं Close Circuit Kise Kehte Hai
क्लोज सर्किट में स्विच ओन कंडीशन में होती है. जो पूरी तरह करंट सर्किट को पूरा करता है. ऐसे घटना को ही क्लोज सर्किट कहा जाता है.
शॉर्ट सर्किट किसे कहते हैं Short Circuit Kise Kehte Hai
किसी भी सर्किट में फेज वायर और न्यूट्रल आपस में एक दुसरे को टच करता है.तो वह शोर्ट सर्किट कहलाता है. इस कंडीशन में तार और उसकी उपरी हिस्सा पूरी तरह जल जाता है. ऐसे स्थिति में नोर्मल करंट से कई गुना अधिक करंट प्रवाहित होती है.
लीकेज सर्किट Leakage Circuit
इस तरह की सर्किट में स्विच ऑफ़ कंडीशन में भी सर्किट में करंट चलती रहती है. जिसे लीकेजे सर्किट कहा जाता है.
सीरीज सर्किट क्या है Series Circuit Keya Hai
सीरीज सर्किट एक ऐसा सर्किट होता है. जिसमे जितना भी रेजिस्टेंस लगे होते है. वो सभी सीरीज में होते है. सीरीज सर्किट के रेजिस्टेंस में करंट एक जैसी रहती है.
इसमें ब्रांच के आधार पर रेजिस्टेंस का वोल्टेज ड्रॉप अलग अलग होता है. जो कुल ब्रांच वोल्टेज के जोड़ के बराबर होता है.
पैरेलल सर्किट क्या है?Parralel Circuit Keya Hai
पैरेलल सर्किट एक ऐसा सर्किट है. जिसमे जितना भी रेजिस्टेंस लगा होता वो सभी पैरेलल में लगे होते है. पैरेलल सर्किट में वोल्टेज हर ब्रांच में एक जैसी रहती है. लेकिन करंट का मान हर ब्रांच में अलग अलग होती है.
इस प्रक्रिया को ही पर्रलेल सर्किट कहा जाता है. हमारे घरो में जितने भी इलेक्ट्रिसिटी के connection होते है. वो सभी पैरेलल में होते है.जैसे – लाइट, टीवी ,पंखा ,कूलर आदि
रेसिस्टर क्या है Resistor Keya Hai
जब किसी मटेरियल के टुकड़े अथवा उससे बने तार के एक अंश को निश्चित रेजिस्टेंस का मान दर्शाने वाले कॉम्पोनेन्ट का रूप दे दिया जाता है. तो वह रेसिस्टर कहलाता है.
रेसिस्टर को दो भागो में बांटा गया है
कार्बन रेसिस्टर
वायर वाउंड रेसिस्टर
कार्बन रेसिस्टर Carbon Resistor
इस प्रकार के रेसिस्टर को कार्बन या ग्रेफाईट के चूर्ण को किसी उपयुक्त इंसुलेटर पदार्थ के साथ मिलाकर बनाया जाता है. ये भी दो प्रकार के होते है.
- Fixed Resistor
- Varible Resistor
फिक्स्ड रेसिस्टर fixed resistor
इस प्रकार के रेसिस्टर को बनाने के लिए कार्बन का चूर्ण एवं गंधक पदार्थ से बनायीं गयी पेस्ट को छड के रूप में डाल लेते है. फिर अवयश्यक प्रतिरोध मान के अनुसार छड में से टुकड़े कट लिए जाते है. प्रतेक टुकडो के दोनों और धात्विक केप लगाकर
उससे एक सयोजक तार जोड़ दिया जाता है. इसका प्रतिरोध 1 ओम से लेकर 20 ओम तक होता है. तथा इसको 1/8 वाट से लेकर 2 वाट तक बनाये जा सकते है.
वेरिएबल रेसिस्टर Varible Resistor
वेरिएबल रेसिस्टर एक ऐसा रेसिस्टर होता है. जिसको हम आसानी से अपने जरुरत के हिसाब कम या ज्यादा कर सकते है, ये एक नॉब के आकार में होता है. इस तरह का रेसिस्टर सबसे ज्यादा रेडियो और टेलीविज़न में वॉल्यूम कण्ट्रोल या टियून कण्ट्रोल करने के लिए जादा इस्तेमाल होता है.
इसमें वृत्त के आकार जैसा गोल डिस्क जिसमे दो टर्मिनल होते है. और बीच में एक भुजा भी मिला हुआ रहता है. इसको एक शाफ़्ट के जरिये घुमाया जाता है. इसमें जो भुजा होता है. वो कार्बन तत्व को स्पर्श करता है. इस तरह हर एक घुमाव रेजिस्टेंस का मन बदल जाता है. ये साधारण 100 ओम से 5 मेगा ओम तक उपलब्ध होता है.
वायर वाउंड रेसिटर Wire Wound Resistor
इस तरह की रेसिस्टर यूरेका या मैगानिन नमक मिश्रधातु जिसका melting point(गलनांक ) ऊँचा होता है. उसको महीन और नंगे तार को चीनी मिट्टी या बेकेलाइट से बनी खोखली पाइप या शीट पर लपेट कर तैयार किया जाता है.और दो टर्मिनल को बाहर
निकाल दिया जाता है.इस तरह के रेसिस्टर को हाई पॉवर रेटिंग के लिए बनाया जाता है.इसको हर जगह इस्तेमाल नहीं किया जाता है.जहाँ जरुरत हो वही इस्तेमाल किया जाता है.ये 3 वाट से 100 वाट और 10 ओम से 1000 ओम तक बनाया जाता है.
ओम के नियम Ohm’s law
ओम का नियम करंट ,वोल्टेज और रेजिस्टेंस से जुड़ा हुआ नियम है.ओम के नियम के अनुसार जब किसी सर्किट के स्थिर तापमान में चलने वाली करंट वोल्टेज के समानुपाती होता है.और सर्किट रेजिस्टेंस के विलोमानुपाती होता है.
अर्थात
कंडक्टर Conductor
conductor वह पदार्थ है. जिसमे करंट और हीट आसानी से प्रवाहित होता है. जिसे conductor कहते है. जैसे copper, एल्युमीनियम ,चाँदी,
इन्सुलेटर insulator
वह पदार्थ जिसमे करंट आसानी से प्रवाहित नहीं होता है. उसे इंसुलेटर कहते है.जैसे माइका ,बेकेलाइट ,पोरसेलिन
रेजिस्टेंस ऑफ़ ह्यूमन बॉडी Resistance of human body
मानव शरीर में रेजिस्टेंस ज्यादातर 50,000 ओम सुखा शरीर में होता है. और गीली शरीर में 1,00000 ओम होता है. लेकिन हमारे शरीर में रेजिस्टेंस अलग अलग भी हो सकती है. वो जगह के अनुसार और हालत के अनुसार भी निर्भार करेगा. ऐसा बहुत सारे केस
देखने को मिलेगा जिसमे कोई व्यक्ति किसी भी इलेक्ट्रिसिटी के सम्पर्क में आता है. तो किसी को ज्यादा झटका लगता तो किसी को कम झटका लगता है. ऐसा इसलिए होता है. क्योंकि वो व्यक्ति कैसे हालात में इलेक्ट्रिसिटी के सम्पर्क में आया ,और जगह कैसी थी. इन सभी बातो पर भी निर्भर करती है.
अगर 200 वोल्ट और 0.3 से लेकर 0.4 amp करंट, और शरीर का रेजिस्टेंस 1000 ओम हो, तो ऐसे स्थिति में कोई आदमी गिला अवस्था में उसे छुता है. तो वह आदमी मर जायेगा और जल भी सकता है. उसी तरह इतना ही वोल्ट और इतना ही ampere हो
लेकिन शरीर का रेजिस्टेंस 100000 ओम हो तो ऐसे स्थिति में कोई आदमी सुखी अवस्था में इसे छुता है. तो उसे केवल तेज़ झटका लगेगा. बहुत कम केस होता मृत्यु का,
रेजिस्टेंस कलर कोड इन हिंदी Resistance colour code
इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री में रेजिस्टेंस को उसके कलर कोड को मान के द्वारा ही दर्शाया जाता है.क्योंकि कार्बन Resistance बहुत छोटे होने के कारण इसके कलर कोड के द्वारा मान निकलना उचित रहता है.
colour रंग | figure चित्र | multiplayer गुणांक | tolrence टोलरेंस ± |
---|---|---|---|
Black | 0 | 1 | - |
Brown | 1 | 10 | - |
Red | 2 | 100 | 1% |
Orange | 3 | 1000 | 2% |
Yellow | 4 | 10000 | 3% |
Green | 5 | 100000 | 4% |
Blue | 6 | 1000000 | - |
Voilet | 7 | 10000000 | - |
Grey | 8 | 100000000 | - |
White | 9 | 1000000000 | - |
Gold | - | 0.1 | 5% |
Silver | - | 0.01 | 10% |
No Colour | - | - | 20% |
रेजिस्टेंस कलर कोड कैलकुलेटर resistance colour code calculator
रेजिस्टेंस को हमेशा बायें (left )और से दायें (right) की और पढ़ा जाता है. इसके उपरी परत में कुछ चार रंग के पट्टी होती है. इसी रंग के जरिये और कलर कोड के जरिये इसका मान निकला जाता है. इसके सबसे पहले पट्टी colour, दूसरी पट्टी पर उसका मान
तीसरी पट्टी पर जीरो कितना लगेगा और अंत वाला पट्टी में इसका टोलरेंस है. जो प्रतिशत % में होता है. इसी तरीका से Resistance का final value निकला जाता है.