मांगुर मछली पर बैन क्यों लगा Mangur machli ban in india hindi

Mangur Machli मांगुर मछली

मांगुर मछली बहुत तेजी से विकसित होने मछलियों में से एक है. मांगुर मछली को लोग बड़े चाव से खाते भी है. अधिकांश लोगो को मालूम नहीं है. कि Mangur machli  भारत में प्रतिबंधित है| गलत तरीको से भारत में थाई मांगुर के बीज पहुँच रहे है| किस वजह से भारत सरकार ने विदेशी Mangur fish पर रोक लगायी है. इसके बारे में नीचे विस्तार पूर्वक समझेंगे|

Mangur मछली की जानकारी | थाई मांगुर और देसी मांगुर

थाई मांगुर

थाई मांगुर एशिया महादेश के ही स्थाई निवासी है. मांगुर मछली का वैज्ञानिक नाम clarias gariepinus है| जिसको कहीं-कही walking catfish के नाम से भी जाना जाता है. यह मछली जमीन पर भी साँप के जैसा थोडा दूर तक चल सकता है| जिस तालाब का पानी सुख जाता है. उस जगह से ये मछली दूसरी जगह चलकर जाने में सक्षम है|

यह प्रजाति को थाईलैंड में विकसित किया गया है. इसीलिए इसे थाई मांगुर के नाम से जाना जाता है| mangur machli माँसाहारी होता है. ये मछली किसी भी जीव का मांस खा सकता है| विदेशी थाई Mangur Machli नदी, नाले, कीचड़, और तालाबो में पाए जाने वाले मछली है. यह मछली किसी भी तरह के पानी या दलदल में जिन्दा रह सकती है. वही दुसरे मछली ऐसे कीचड़ या दलदल जगह पर जिन्दा नहीं रह पाते है| क्योंकि उनको ऑक्सीजन की कमी हो जाती है.

भारत में Mangur Machli को तालाब एवं गढ़े, नाले जैसे जगह पर पला जाता है| और ये मछली बहुत तेजी से बढती है. जो 1 किलोग्राम से 10 किलोग्राम तक हो सकते है. जिसका बाजार रेट 100 रुपया से 150 रुपया प्रति किलो हो सकता है| कम समय में ज्यादा फायदा होने के चलते ऐसे मछलियों को पला जाता है. जबकि यह प्रतिबंधित मछली है. फिर भी लोग अपने फायदे के लिए लोगो के जिंदगी से खिलवाड़ करते है|

देशी मांगुर मछली

यह मछली मीठे जल में रहने वाली मछली है. जो अधिकतर ग्रामीण इलाका खेत या तालाबो में अधिक देखने को मिलेगा| खेत खलिहान में मिलने वाले प्राकृतिक mangur machli का वजन मुश्किल से 100 ग्राम तक हो सकता है. क्योंकि इसकी बढ़ने की रफ़्तार बहुत धीमा होता है| वही देसी mangur machli जिसे हम तालाबो में पलते है. उसकी वजन लगभग 500 ग्राम तक हो सकता है|

मांगुर मछली पर बैन क्यों लगा mangur machli ban in india hindi

भारत सरकार ने वर्ष 2000 में ही विदेशी थाई मांगुर पर प्रतिबन्ध लगा दिया था. फिर भी लोग अवैध तरीका से इसका कारोबार कर रहे है. विदेशी मांगुर को देसी मांगुर बताकर बाजारों में बेचा जाता है. और लोग भी बड़े शोक से इस मछली को अपने आहार में शामिल कर रहे है|

मांगुर मछली पर बैन क्यों लगा वैज्ञानिको का दावा है. कि थाई mangur machli के खाने से कैंसर जैसे गंभीर रोग हो सकते है. यह मछली गला सडा माँस खाने में सक्षम है. जिसके चलते इन मछली का शारीर बहुत तेजी से बढ़ता है. mangur machli में आयरन और लेड बहुत अधिक मात्र में पाया जाता है. जो 80 प्रतिशत तक होता है| जिसके चलते mangur machli इन्सान और पर्यावरण दोनों के लिए खतरा है| mangur machli जिस तालाब या दलदल में रहती वहां दूसरी प्रजाति के एक भी मछली या कीड़े मकोड़े नहीं मिलता है. क्योंकि mangur machli दुसरे मछली को भी अपना शिकार बनाती है|

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देसी मांगुर मछली खाने के फायदे

देसी मांगुर मीठे जल की मछली है. और साफ पानी में रहती है. देसी प्राकृतिक मांगुर अधिकांश ग्रामीण इलाका खेत खलिहान या तालाब में अधिक मिलता है| देसी Mangur Machli खाने के फायदे देसी मांगुर में प्रोटीन, फास्फोरस, कैल्शियम, आयरन जैसे विटामिन प्रचुर मात्र में मिलता है| जिसको खाने से स्वास्थ और शारीर दोनों बेहतर रहता है|

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