महाद्वीप continent
पृथ्वी के भू-भाग स्थाल्मंडल है. इसमें सभी छोटे बड़े भूखंड, पहाड़, पठार, मैदान, झील तथा नदियाँ इत्यादि सम्मिलित है| जहाँ स्थल को भूपर्पटी या उपरी सतह कहते है.
महाद्वीप किसे कहते हैं
पृथ्वी पर स्थल के बड़े और विस्तृत भाग को महाद्वीप कहते है| इसे महादेश के नाम से भी जाना जाता है|
जलमंडल किसे कहते है यहाँ पढ़े
महाद्वीप कितने हैं उनके नाम
महादेश निम्नलिखित है
एशिया महाद्वीप
एशिया सबसे बड़ा महादेश है| यह उतरी गोलार्द में स्थित है| इसे विषमताओ का महादेश भी कहा जाता है| संसार का सबसे ऊँचा पर्वत हिमालय और और इसकी सबसे ऊँची चोटी माउंट एवेरेस्ट इसी महादेश में स्थित है| तो दुनिया का सबसे गहरी भूमि मृत सागर भी यहीं है|
संसार में सबसे गर्म स्थान जैकोआबाद (पाकिस्तान) और सबसे ठण्ड स्थान साईबेरिया क्षेत्र तथा बरखोयान्सक नामक स्थान इसी क्षेत्र में है|
विश्व में सबसे अधिक जनसंख्या वाला महादेश है
संसार में सबसे अधिक वर्षा वाला क्षेत्र मांसीराम चेरापूंजी के निकट एशिया महादेश में पाया जाता है| आबादी की दृष्टि से संसार में सबसे अधिक और घनी आबादी वाला क्षेत्र चीन और भारत तथा सबसे बड़ा आबादी वाला क्षेत्र भी एशिया महादेश में ही पाया जाता है|
मानचित्र में एशिया महादेश यूरोप से सटा हुआ है| कोई खास प्राकृतिक विभाजन नही है. सिर्फ यूराल पर्व और यूराल नदी एक-दुसरे से अलग करती है| इसका क्षेत्रफल करीब 18,50,0000 वर्गमील है| यह 10° दक्षिण अक्षांश से 78° उतरी अक्षांश तथा 25° पूर्व देशान्तर से 17° पूर्व देशान्तर तक स्थित है|
एशिया महादेश की जलवायु मानसूनी वायु से प्रभावित होती है| यहाँ खनिज का विशाल भंडार है. यहाँ कोयला, लोहा, जैसे सभी खनिज तथा पेट्रोलियम प्राप्त है| कृषि एशिया का मुख्य अधार है. चाय, गन्ना, जुट, धान, इत्यादि के लिए विश्वविख्यात है.
एशिया महाद्वीप में कितने देश है
एशिया के प्रमुख देश में
- चीन,
- भारत,
- जापान,
- पाकिस्तान,
- बांग्लादेश,
- श्रीलंका,
- ईरान,
- इराक,
- सऊदी अरब,
- मलेशिया,
- इन्डोनेसिया,
- भूटान,
- नेपाल,
- मयन्मार,
- अफगानिस्तान,
- बहरीन,
- मंगोलिया,
- मालदीव,
- लेबनान,
- लाओस,
- कुवैत,
- वियतनाम,
- ताईवान,
- थाईलैंड,
- सयुंक्त अरब अमीरात,
- तुर्की,
- इजराइल,
- जॉर्डन,
- क़तर,
- कम्बोडिया,
- उतर कोरिया,
- दक्षिण कोरिया,
- मकाऊ, जापान,
- ब्रूनेई, साइप्रस,
- हांगकांग,
- गुआम,
- ओमान,
- फिलिपींस,
- सीरिया,
- सिंगापूर,
- उजबेकिस्तान,
- कजाकिस्तान,
- किर्गिस्तान,
- यमन
अफ्रीका महाद्वीप
एशिया के बाद अफ्रीका विश्व का दूसरा सबसे बड़ा महादेश है| विषुवत वृत्त इसके मध्य से होकर गुजरती है| इस महादेश का आधा भाग उतरी गोलार्द में और आधा भाग दक्षिणी भाग में पड़ता है| अफ्रीका महादेश को भूमध्य सागर और स्वेज नहर एशिया महादेश से अलग करती है| इस महादेश को पहले काला महादेश के नाम से जाना जाता था. क्योंकि शुरू में यहाँ कम विकास हुआ था| और यहाँ का बहुत बड़ा भाग में मरुभूमि तथा घने जंगल है|
अफ्रीका के पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण तथा पूरब में हिन्द महासागर और उतर-पूरब में स्वेज नहर है. यहाँ प्राकृतिक बन्दरगाहो की कमी है| इसके दक्षिण में केप ऑफ़ गुडहोप एक प्राकृतिक बन्दरगाह स्थित है| एटलस यहाँ का सबसे प्रसिद पहाड़ है. सहारा एक विशाल रेगिस्तान है| यहाँ की सबसे प्रसिद नील नदी है. विक्टोरिया जलप्रपात संसार के जलप्रपातों में से एक है.
अफ्रीका महादेश की जलवायु गर्म है| क्योंकि विषुवतीय जलवायु का प्रभाव पड़ता है| खनिज सम्पति की दृष्टि से अफ्रीका विश्व का महत्वपूर्ण महाद्वीप है| जोहन्सवर्ग को सोने का शहर कहते है| किम्ब्ले में हीरे का खान है|
इसके अतिरिक्त टीन, तांबा, मैंगनीज, फास्फेट की खनिज है| कोको उत्पादन में अफ्रीका पहला पर है| यहाँ गेंहू, जैा तथा तरह-तरह के रेशेदार फल अंजीर, अंगूर, संतरा, बादाम, और खजूर मिलते है| पठार भाग और प्राकृतिक बन्दरगाह के आभाव में यह कम उन्नतिशील है|
यूरोप महाद्वीप
यह एक छोटा सा महादेश है| जो ऐसा महादेश का 1/5 भाग है, इसका क्षेत्रफल 37,60,000 वर्गमील है| यह महादेश 36° उतरी अक्षांश से 72° उतरी अक्षांश तथा 10° पश्चिमी देशान्तर से 40° पूर्वी देशान्तर तक फैला हुआ है| भारत के क्षेत्रफल से दोगुना है|
इस महादेश के पश्चिम में ग्रीनवीच की महत्वपूर्ण देशान्तर रेखा ब्रिटेन, फ्रांस, और स्पेन से होकर गुजरती है| यह तीन और समुद्र से घिरा हुआ है. जिसे प्रायद्वीप कहते है| यूरोप महादेश की प्रसिद नदियाँ सीन (फ्रांस), टेम्स (इंगलैंड), पो (इटली), है| डेन्यूब सबसे महत्वपूर्ण नदी है, जो अंतरराष्ट्रीय नदी के नाम से जानी जाती है| यूरोप की जलवायु पर समुद्री धाराओ का प्रभाव पड़ता है|
यहाँ कोयला, लोहा, तांबा, खनिज तेल पर्याप्त मात्रा में मिलता है| इस प्रकार अच्छी जलवायु और संसाधन के विकास में यह विश्व का प्रगतिशील महादेश है|
यूरोप महाद्वीप में कितने देश हैं
- रूस
- स्पेन,
- पोलैण्ड,
- नार्वे,
- पुर्तगाल,
- फ्रांस,
- जर्मनी,
- यूनान,
- हंगरी,
- डेनमार्क,
- लिथुआनिया,
- एस्तोनिया,
- स्वीडेन,
- स्विट्जरलैंड,
- ताजीकिस्तान,
- मेसिडोनिया,
- स्लोबेनिया,
- सर्बिया,
- यूक्रेन,
- तुर्कमेनिस्तान,
- फिनलैंड,
- नीदरलैंड,
- आइस्लैण्ड,
- ग्रेट ब्रिटेन,
- गणराज्य,
- स्लोवाक,
- इटली,
- क्रोशिया,
- मोल्दाविया,
- बेला रूस,
- लातविया,
- अल्बानिया,
- बुल्गारिया,
- बेल्जियम,
- लक्समबर्ग,
- आयरलैंड,
- जार्जिया,
- अजरबैजन,
- अंडोरा,
- बोसिन्या हर्जेगोविना,
- सान मारिनो,
- लिचेनटिन,
- माल्टा,
- रोमानिया,
- चेक गणराज्य,
- अर्मेनिया,
- आस्ट्रिया
उतरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका
पनमा नदी अमेरिका महादेश को दो भागो में बाँटती है| जो उतरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका को अलग करती है. इन दोनों महादेश का पता कोलम्बस ने 1942 में लगाया था| उतरी अमेरिका एशिया और अफ्रीका को छोड़कर तीसरा सबसे बड़ा महादेश है|
इसका क्षेत्रफल 80,0000 वर्गमील है. जो बेरिंग जलडमरू एशिया महादेश को अलग करती है| उतरी अमेरिका का सबसे प्रसिद पर्वत रॉकी है| इसका आकर त्रिभुजाकार है. यह चारो और महासागरो से घिरा हुआ है|
इसकी पश्चिम में प्रशांत महासागर, उतर में उतर महासागर, पूरब में अटलांटिक महासागर और दक्षिण में मेक्सिको की घाटी है| पहाड़ो की स्थिति इसकी जलवायु को सबसे अधिक प्रभावित करती है| यहाँ अनेक प्रकार की जलवायु पायी जाती है| उतरी अमेरिका के देशो में कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका, मेक्सिको, मध्य क्षेत्र के देश आदि है|
उतरी अमेरिका गेंहू, मक्का, जई, तम्बाकू, रुई तथा पशुपालन के लिए प्रसिद है| कनाडा तथा संयुक्त राज्य के झील क्षेत्र में खनिज का भण्डार है| जैसे – सोना, निकेल, तांबा, जस्ता, सीसा, चाँदी, प्लटेनियम, प्रचुर मात्रा में निकाले जाते है|
आज संसार के सभी देशो में संयुक्त राज्य अमेरिका अपना सर्वश्रेष्ठ स्थान रखता है|
दक्षिणी अमेरिका
यहाँ का क्षेत्रफल 72 लाख वर्गमील है. जो भारत के क्षेत्रफल से चौगुना है. इसका सागरीय तट भी कम कटा-छटा है अमेज़न नदी इसकी प्रसिद नदी है| जो संसार कि सबसे लम्बी नदी है| विषुवतीय रेखा के 5° उतर और 5° दक्षिण में पड़ने वाले सभी क्षेत्र इसमें है| यहाँ कई प्रकार की जलवायु पाई जाती है| यहाँ विषुवतीय जलवायु से सालो भर वर्षा होती है| जलवायु में विभिन्नता के कारण यहाँ पैदावार में ही अंतर पाया जाता है|
यहाँ के लोगो का मुख्य पेशा कृषि है| ईख, मकई, गेंहू, कॅाफी यहाँ की मुख्य उपज है| चीली क्षेत्र में सोरा मिलता है| यहाँ वर्षा का न होना वरदान समझा जाता है| सोरा के अलावा टीन, ताँबा, लोहा, अयस्क, चाँदी, की खाने भी है| एन्डीज़ यहाँ का मुख्य पर्वतमाला है|
ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप
यह सबसे छोटा महादेश है| जो दक्षिण गोलार्द में है| इसे द्वीपीय महादीप भी कहा जाता है| रसमनिया का दीप भी इसमें सम्मिलित है. यह 10° से 40° दक्षिण अक्षांश के बीच है| इसके उतर में 1200 मील लम्बा मूँगे (coral) का दीप है| जिन्हें ग्रेट बेरियर कहते है| यह महादेश समुद्र से घिरा हुआ है|
आस्ट्रेलिया महादेश का तीन भाग पठार है| केवल दक्षिण-पूरब तटीय क्षेत्र ही कृषि योग्य है| मर्रे और डालिर्न आस्ट्रेलिया की प्रसिद नदियाँ है| इसे आस्ट्रेलिया की जान भी कहते है| यहाँ के घास के मैदान को डाउन्स कहते है|
भेड़ पालन यहाँ का मुख्य पेशा है| जो गो मांस और उन के लिए पाला जाता है| आस्ट्रेलिया विश्व के अनेक देशो में उन का सप्लाई करता है| इस महादेश का पता कैप्टन जेम्स कूद ने किया है|
कंगारू यहाँ का प्रसिद जन्तु है| जिसका पेट में थैला होता है| उस थैले में बच्चे को रखकर दौड़ लगा सकता है|
अंटार्टिका महाद्वीप
यह संसार का पाँचवाँ बड़ा महादेश है| इसे श्वेत महादेश भी कहते है| सालो भर इस महादीप पर मोटी परत जमी रहती है| यहाँ अधिक ठण्डा होने के कारण कोई भी जनसँख्या स्थायी रूप से नहीं बसती है| केवल साहसी वैज्ञानिक खोजकर्ता ही किसी जानकारी के लिए यहाँ आते है| कुछ देशो ने इसपर अपना स्थायी केन्द्र स्थापित किया है| इस महादीप की खोज 1820 ई॰ में हुई थी|
नोट – केवल आस्ट्रेलिया पूर्ण रूप से दक्षिणी गोलार्द में है| अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका का भाग उतरी और दक्षिणी दोनों गोलार्द में पड़ता है| एशिया, यूरोप, उतर अमेरिका पूर्ण रूप से उतरी गोलार्द में है|
महासागर
महासागर किसे कहते हैं
पृथ्वी की सतह का 71% अर्थात तीन-चौथाई भाग जल से घिरा हुआ है| जलमंडल के सबसे बड़े भाग को महासागर कहते है| और ऐसे जो स्थल के निकट है, उसे सागर या समुद्र कहते है|
इस प्रकार विशाल जलाशय जो महादीप के द्वारा एक दुसरे से अलग है| वह महासागर कहलाता है|
5 महासागर के नाम
हमारे पृथ्वी में 5 प्रमुख महासागर है जो आकार की दृष्टि से कुछ इस प्रकार से है.
प्रशांत महासागर
यह महासागर इतना बड़ा है कि पृथ्वी के सभी महाद्वीप इसमें समा सकते है| यह पृथ्वी के एक-चौथाई भाग में फैला हुआ है|
सबसे बड़ा महासागर कौन सा है
प्रशांत महासागर का क्षेत्रफल सभी महाद्वीप से बड़ा है| इसमें इतनी गहराईयाँ है कि बड़ा से बड़ा भी डूब सकता है| मरियाना की खाई संसार का सबसे गहरा खाई इसी महासागर में है| जो चाप की तरह फैली है| इसकी गहराई समुद्र तल से 11516 मीटर है| और इसकी चौड़ाई 17000 किलोमीटर है| प्रशांत महासागर की एक ओर एशिया महादेश है| तथा दूसरी और उतरी और दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप है|
यह महासागर के जल में लवणता की मात्रा बहुत कम है| इसमें बड़ी बड़ी जल धाराएँ चला करती है| इस महासागर में कई दरार घाटियाँ मिलती है जिनसे पता चलता है कि इसका भू-संचालन (earth movement) हुआ है|
इस महासागर में द्वीप भी सबसे अधिक है| जो 3000 से भी उपर है| क्यूराइल, जापान, फिलिपीन आदि द्वीप पुंज इसी महासागर के है|
अटलांटिक महासागर
समुद्र संबंधी खोज सबसे पहले इसी महासागर से हुई है| कहते है, इसकी उत्पति आज से 20 करोड़ वर्ष पहले हुई है|
यह महासागर विस्तार में प्रशांत महासागर के आधा है| इसके पश्चिम में दोनों अमेरिका महादेश, पूरब में यूरोप महादेश, उतर में अंटार्टिका और दक्षिण में आर्कटिक महासागरो में जा कर मिला है| भूमध्य सागर इसी की एक शाखा है|
अटलांटिक महासागर के किनारे दुनिया के बड़े बड़े बन्दरगाह स्थित है| जिसके चलते हजारो व्यापारिक जहाज दिन-रत इसी समुद्र में चलते है|
S किस महासागर का आकार है
अटलांटिक महासागर का आकार अंग्रेजी के S अक्षर की तरह है| इसकी अधिकतम चौड़ाई 5000 किलोमीटर है| जिसकी गहराई 9188 मीटर है| इसकी दक्षिण सीमा काल्पनिक रूप से अंकित की जाती है| क्योंकि वहाँ हिंद महासागर का प्रवेश हो गया है|
इस महासागर में विश्व की तीन विशाल नदियाँ अपार जलराशि लाकर गिराती है| जिसमे से अमेजन, जायरे, और मिसीसीपी मुख्य रूप से शामिल है| इस महासागर में लवणता अधिक नही है|
इस महासागर में द्वीपों की संख्या कम है| परन्तु विश्व का सबसे बड़ा द्वीपीय देश ग्रीनलैंड इसी के उतरी भाग में स्थित है|
हिंद महासागर| हिन्द महासागर भारत के किस दिशा में है
यह महासागर प्रशांत और अटलांटिक महासागर से बहुत छोटा है| इसकी उतरी किनारा भारत की सीमा से जा मिलता है| इसके पश्चिम में अफ्रीका, पूरब में आस्ट्रेलिया, और दक्षिण में अंटार्टिक महासागर से मिलता है|
हिंद महासागर त्रिभुजाकार है| जिसकी अधिकतम चौड़ाई 15000 किलोमीटर है| इसका मग्नतट अधिक चौड़ा नही है और न ही इसमें खाई की संख्या ही अधिक है| हिन्द महासागर का अधिकतम गहराई 7725 मीटर है|
गंगा, ब्रहा॒पुत्र और सिंधु आदि बड़ी नदियाँ उतरी भाग से आकार इसमें मिलती है. और दूर तक अवसाद जमा करती है| आस्ट्रेलिया और अफ्रीका की और से कोई बड़ी नदी इसमें नहीं आती है|
यह महासागर में कई द्वीप मिलते है, जिसमे सबसे बड़ा मलागासी (मडागास्कर) है| इस महासागर में वाष्पन सबसे अधिक होता है, साथ ही सबसे अधिक वर्षा के क्षेत्र भी इसके तटवर्ती भाग उतर में है|
इस महासागर में कई सीमांत सागर भी मिलते है| जैसे – लाल सागर, मोजाम्बिक चैनल, अरब सागर, फारस की खाड़ी, बंगाल की खाड़ी|
हिंद महासागर के जल धाराएँ
धाराएँ – समुद्र के जल एक भाग से दुसरे भाग की ओर बहते है| उसे समुद्री धारा कहते है|
इस महासागर की जल धाराओ का फैलाव का जबरदस्त प्रभाव पड़ा है| इस महासागर का सबसे अधिक फैलाव विषुवत रेखा दक्षिण में है, दक्षिण भाग में स्थाई जल धाराएँ मिलती है. और उतरी भाग में अस्थायी | उतरी भाग की जल धाराएँ मानसून से प्रभावित होती है|
मानसूनी पवन गर्मी के मौसम में एवं ठण्डा के मौसम में इसकी बहने की दिशा उलट जाती है. जिसका प्रभाव जलधारा एवं जीवन दोनों पर पड़ता है|
गर्मी के मौसम में उतर पश्चिमी भारत निम्र वायुदाब का प्रबल क्षेत्र बन जाता है| जबकि हिंद महासागर उच्चदब का क्षेत्र बना रहता है| समुद्र से स्थल की और तेज गति से हवा चलने लगती है| इन ग्रीष्मकालीन पवनो का अनुसरण करती हुई अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में दक्षिण-पश्चिम मानसून धारा उत्पन्न हो जाती है| जिसे ग्रीष्मकालीन मानसून कहा जाता है|
यह जलधारा विषुवत रेखा के समीप उत्पन्न होकर उतर- पूर्व की और बढती है| और तट के किनारे चलती हुई ग्रीष्मकाल में वर्षा कराने में योगदान करती है| भारतीय तटो से होकर यह मलयेशिया, के पश्चिमी तट पर पहुँचती है| ओर फिर विषुवतीय जलधारा में विलीन हो जाती है|
सर्दी के मौसम में उतर-पश्चिम भारत उच्चदाब का क्षेत्र बनता है| अतः स्थलभाग से जलभाग (समुद्र) की और तेज़ हवा चलने लगती है| इसका प्रभाव हिंद महासागर के जलराशि पर पड़ता है| और बंगाल की खाड़ी से उतर-पूर्वी मानसून जलधारा प्रवाहित होने लगती है| यह धारा भारत के पूर्वी तट और श्रीलंका से होकर आगे बढती है| यह मानसून की शीतकालीन धारा है|
विषुवतरेखा के दक्षिण की जल धाराओ के नाम
अंटार्कटिक जल धारा या पश्चिम पवन, जो ठण्डी जलधारा है.
पश्चिम आस्ट्रेलिया जलधारा, यह भी ठण्डी जलधारा है,
दक्षिण विषुवतीय जलधारा, जो गर्म है,
अगहलस जलधारा, जो मोजांबिक और मालागासी दो दक्षिण पूर्वी अफ्रीकी जलधाराओ का सम्मिलित नाम है| यह भी गर्म जलधारा है|
आर्कटिक महासागर
यह महासागर पृथ्वी के उतरी गोलार्द में स्थित है| जिसे उतरीध्रुवीय महासागर, आर्कटिक या अन्ध महासागर के नाम से जाना जाता है| इसका विस्तार अधिकतर आर्कटिक क्षेत्र में ही है|
सबसे छोटा महासागर
विश्व के पांच महासागरो में से यह सबसे छोटा महासागर है| जिसकी गहराई 5441 मीटर है. यह महासागर पूरी तरह से यूरेशिया और उतरी अमेरिका से घिरा हुआ है| ये महासागर साल भर समुद्री बर्फ से ढाका रहता है|
इस महासागर का मौसम तापमान और लवणता के अनुसार बदलती रहती है| क्योंकि यहाँ वर्फ पिघलती रहती और जमती रहती है| इस महासागर में कम लवणता पाई जाती है. जिसके चलते कम वाष्पीकरण होता है| गर्मी के मौसम में 50% तक यहाँ बर्फ पिघल जाती है|
अंटार्कटिका महासागर
यह महासागर दक्षिणी गोलार्द में स्थित है जो पूरी तरह अंटार्कटिक क्षेत्र और अंटार्कटिक वृत्त के दक्षिण भाग में स्थित है| जो चारो और दक्षिणी महासागर से घिरा हुआ है|
यह महासागर 140 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला है| अंटार्कटिका विश्व का सबसे ठण्डा और तेज हवाओ वाला महाद्वीप है| क्योंकि यहाँ 98% भाग 1.6 किलोमीटर मोटी बर्फ से ढाका हुआ है|
अंटार्कटिका को एक रेगिस्तान माना जाता है क्योंकि यहाँ साल में 200mm तक ही वर्षा होती है| उसमे भी ज्यादातर तटीय भागो में ही होता है| यहाँ कोई भी स्थाई निवासी नही है लेकिन यहाँ सालो भर लोग रिसर्च के लिए आते है, और उपस्थित रहते है|
इस जगह में ठण्डी पौधे और जीव ही जीवित रह सकते है| इसमें पेंगुइन, शील, निमेटोड, आदि शामिल है, इसके अलावा यहाँ टुंड्रा वनस्पति भी शामिल है| अंटार्कटिका पृथ्वी का सबसे ठण्डा स्थान माना जाता है|
महासागर के नाम हिंदी में एवं महासागर की अधिकतम गहराई का वर्णन
महासागर | क्षेत्रफल( वर्ग कि.मी में ) | गहराई (मीटर में ) |
---|---|---|
प्रशांत महासागर | 16,52,42,000 | 11,516 |
अटलांटिक महासागर | 8,23,62,000 | 9,188 |
हिंद महासागर | 7,35,56,000 | 7,725 |
आर्कटिक महासागर | 1,39,86,000 | 5441 |
अंटार्कटिकामहासागर | 14.2 million km2 | 11500, फीट में है |
समुद्र की गहराई
समुद्र की गहराई फैदम नामक मापक से किया जाता है| समुद्र की गहराई सभी जगह एक सामान नही होता है| महादेशो के किनारे समुद्र की गहराई कम है| समुद्र का वह भाग जो मह्देशो से सटा हुआ रहता है और उसकी गहराई 100 फैदम होता है| उसे महादीपीय मग्नतट कहते है| यह समुद्र का सबसे छिछला भाग है लेकिन आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है| समुद्र में महादीपीय मग्नतट के बाद वाला मग्न महादीपीय भाग ढाल कहलाता है| इसकी ढाल बहुत गहरी होती है|
महासागर का जल खारा क्यों होता है?
समुद्र का जल खारा होता है| इसके पानी में नमक अधिक होता है| इसके जल से हमलोग साधारण नमक तैयार करते है| समुद्र जल के हजार भाग में 35% भाग नमक है|समुद्र का जल इसलिए खारा होता है कि नदियाँ अपने साथ तलछट और अन्य पदार्थ बहाकर सागर में गिरा देते है| इसी तरह वर्षा और समुद्री जानवरों के मरने गलने से भी पानी नमकीन हो जाता है
गतियाँ
समुद्र के जल में तीन तरह की गतियाँ है.
लहरें – समुद्र की सतह पर हवा के कारण पानी में हलचल होता है तथा पानी उपर नीचे उठता है| किन्तु आगे नहीं बढ़ता है, उसे लहर कहते है|
ज्वार भाटा – चन्द्रमा और सूर्य के आकर्षण के कारण समुद्र का पानी प्रतिदिन दो बार उठता है, और गिरता है| इसे ज्वार भाटा कहते है|
सूर्य और चन्द्रमा की आकर्षण शक्ति के कारण ज्वार भाटा उत्पन्न होता है| चन्द्रमा पृथ्वी से नजदीक है इसलिए सूर्य की अपेक्षा पृथ्वी की खिंचाव का असर ज्यादा पड़ता है|अमावस्या और पूर्णिमा को सूर्य, चन्द्रमा और पृथ्वी तीनो एक ही साथ में रहते है| जब तीनो एक सीधे में रहते है तो ज्वार-भाटा बड़े पैमाने पर होता है, उसे वृहत ज्वार कहते है|
जब सूर्य और चन्द्रमा समकोण होकर रहते है, तब ज्वार अधिक नहीं आता है उसे लघु ज्वार कहते है| यह अमावस्या और पूर्णिमा के बीच वाले दिनों में प्रतिदिन प्रायः 48 मिनट में आता है|
धाराएँ – इसका वर्णन उपर किया गया है|
निष्कर्ष
हमने इस लेख के माध्यम से महाद्वीप और महासागर के नाम के बारे में बताने का प्रयास किया है.मै आशा करता हु कि आपलोग भली – भांति समझ गए होंगे. इस लेख में कहीं भी कोई शब्द छुट गया है. तो हमे कमेंट जरुर करे, अगर ये लेख जारा सा भी अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों एवं सोशल मीडिया में जादा से जादा शेयर करे, धन्यवाद्