दुमका शहर

झारखण्ड राज्य का शानदार जिला में से एक है | दुमका जिला, जो झारखण्ड राज्य की उपराजधानी है.जिसे संथाल परगना का गौरव प्राप्त है.| जो संथाल परगना का मुख्यालय भी है.यह जिला ऊँची पहाड़ी और जंगलो से घिरा हुआ है.और पडोसी राज्य बिहार और पश्चिम बंगाल से भी घिरा है.दुमका एक शांत माहोल और हरियाली से भरा शहर है.इसके नजदीक रामपुरहट शहर भी है |

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दुमका जिला कब बना

1775 ई० में दुमका को भागलपुर डिवीज़न में शिफ्ट कर दिया गया. फिर बाद में 1865 ई० को भागलपुर से अलग होकर एक स्वतंत्र जिला बना दिया गया | लेकिन दुमका जिला को संथाल परगना का मुख्यालय 1872 ई० को बनाया गया था | उसके बाद 15 नवम्बर 2000 को दुमका झारखण्ड की उपराजधानी बन गयी | जो झारखण्ड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी दुमका निर्वाचन क्षेत्र से थे | जो nda की सरकार में शामिल थी |

दुमका नगर परिषद

संथाल परगना दुमका एक नगर परिषद् शहर है | जो शहरों को 23 वार्डो में विभक्त किया गया है | जो हर पांच साल में चुनाव होते है | नगर परिषद् की जनसंख्या लगभग 47,584 है. जिसमे पुरुष की जनसंख्या 23365 और महिलाओ की जनसंख्या 22220 है | ये रिपोर्ट 2011 के जनगणना के अनुसार है | शहर की साक्षरता दर पुरुष 93.46% और महिला 85.87% है |

दुमका जिला में कितने प्रखंड है

जिला में कुल 10 प्रखण्ड है| और सभी 10 प्रखण्ड को मिलाकर 206 पंचायत है.

  •  दुमका
  • गोपिकंदर
  • जामा
  • जरमुंडी
  • काठीकुंड
  • मसलिया
  • रामगढ
  • रानेश्वर
  • शिकारीपाड़ा
  • सरेयाहट

दुमका पर्यटन स्थल

संथाल परगना दुमका में बहुत से ऐसे ऐसे पर्यटन स्थल है | जो देखने योग्य है.जैसे – बासुकीनाथ शिव मन्दिर , मसंजोर डैम, मलूटी मन्दिर , सृष्टि पहाड़ , इनडोर स्टेडियम आदि

बासुकीनाथ का शिव मन्दिर

यह मन्दिर शहर से लगभग 20 से 25 किलोमीटर की दुरी पर है.जहाँ प्रत्येक वर्ष सावन के महीनो में बहुत अधिक संख्या में भक्तो भीड़ होती है.जो गंगा जल चढाने के लिए आते है |

बासुकीनाथ का शिव मन्दिर

मसानजोर डैम

मसानजोर डैम या कनाडा डैम बहुत ही जादा लोकप्रिय डैम में एक है | जिसे मयूराक्षी नदी पर बनाया गया है | जो दुमका शहर से लगभग 25 किलोमीटर की दुरी पर है.यह डैम पिकनिक स्पॉट के लिए सबसे अच्छा मना जाता है | यहाँ हर साल सेकड़ो लोग पिकनिक मानाने आते है | जिसके चलते  सेलानियो के लिए आकर्षक का केंद्र बन गया है | यह बांध जंगलो एव पहाड़ो से घिरा हुआ है | यह प्रमुख स्थल तारापिट और रामपुरहट से भी जुड़ा हुआ है |

मसानजोर डैम

मलूटी मन्दिर

मलूटी मन्दिर रामपुरहट के मार्ग में स्थित है.जानकारों का कहना है.कि कभी यहाँ 108 मन्दिर और 108 तालाब हुआ करता था.जिसे मलूटी को कभी मंदिरों का गाँव कहा जाता था |इस मन्दिर में माँ मौलीक्ष का प्रतिमा है | जिसे माँ तारा की बहन मना जाता है |

मलूटी मन्दिर

सृष्टि पहाड़

यह एक पिकनिक स्थान है | जिसमे नौका बिहार की सुविधा और छोटी सी पहाड़ी है.यहाँ एक मन्दिर भी है | जो दुमका से 5 किलोमीटर की दुरी पर पूर्व में स्थित है |

स्कूल ,कॉलेज और यूनिवर्सिटी

दुमका में कुछ सरकारी और गैर – सरकारी स्कूल और कॉलेज है.जिसमे हम सरकारी कॉलेज की बात करेगे | यहाँ अंगेरेजो द्वारा कुछ स्कूल कॉलेज का निर्माण हुआ है | जैसे  – +2 जिला स्कूल

  • +2 जिला स्कूल,दुमका
  • सेंट टेरेसा गर्ल्स स्कूल
  • सिदो कान्हू हाई स्कूल
  • नेशनल स्कूल
  • दुमका सेंट्रल स्कूल
  • सेंट जेवियर्स  कॉलेज ,दुमका
  • संथाल परगना (s.p)कॉलेज,दुमका
  • संताल परगना (s.p )महिला कॉलेज, दुमका
  • सिदो – कान्हू मुर्मू विस्वविधालय,दुमका  (भागलपुर यूनिवर्सिटी को कट कर  वर्ष 1990 में बनाया गया है.)
  • इंजीनियरिंग कॉलेज, दुमका
  • राजकीय पॉलिटेक्निक दुमका
  • राजकीय महिला पॉलिटेक्निक दुमका
  • औधोगिक प्रशिक्षण संस्थान (iti ) दुमका
  • B.Ed कॉलेज
  • फूलो झानो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल , दुमका (नवनिर्माण 2019)
  • डिसेंट चिल्ड्रेन स्कूल फसियाडंगाल,दुमका
  • फूलो झानो मुर्मू कॉलेज (डेयरी टेक्नोलॉजी ) नवनिर्माण 2019

स्वस्थ सेवा

दुमका में फूलो झानो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल बनाया गया जो जिला वासियों के लिए बहुत सुविधा हुआ है | इसके अलवा सदर अस्पताल जो राज्य सरकार द्वारा संचालित किया जाता है | और छोटी चोट प्राइवेट नर्सिंग होम है |

पहाड़ और पर्वत एव जलवायु

संथाल परगना दुमका जिला लगभग 1610 km2 वनक्षेत्र से ढाका हुआ है.जिसमे विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे मौजूद है.जिसमे मुख्य रूप से साल ,पलाश ,आम का  पेड़ आदि | इस जंगली क्षेत्र में कुछ जंगली जनवर भी रहते है | जैसे – लोमड़ी ,खरगोश ,जंगली हाथी, मौर और अनेक प्रकार के छोटी छोटी प्रजाति निवास करते है |

दुमका का जलवायु

संथाल परगना दुमका की जलवायु उष्णकटीबंधिये है | जो गर्मी के मौसम में गर्म एव ठण्डा के मौसम सर्दी होती है |

संस्कृति

दुमका यानी संथाल परगना समाज के लोग भगवान सिंगबोंगा पूजा करते है | यहाँ के आदिवासी मुख्य रूप से रस पर्व ,सकरत,सोहराय,और बहा पर्व बड़े ही धूम धाम से मनाते है | दुमका अधिकतम वन भागो से ढके होने के कारण लोग जंगलो पर आश्रित है.फिर भी आज के युवा इन क्षेत्र निकलकर बड़े बड़े समेलन में भाग लेते है | जो एक गर्व का विषय है.

धर्म एवं भाषा

संथाल परगना दुमका में हिन्दू धर्म , इस्लाम धर्म , ईसाई धर्म , जैन धर्म , आदि प्रमुख धर्म है | और यहाँ की भाषा संताली , हिंदी , उर्दू , बंगाली , खोरठा आदि बोला जाता है |

हिजला मेला

संथाल परगना का सबसे बड़ा मेला जिसे राजकीय त्योहारों की सूची में शामिल किया गया है | हिजला मेला ब्रिटिश काल से चला अह रहा है | तब ब्रिटिश के जिला मजिस्ट्रेट रोबर्ट्स केस्टार के समय इस मेला को शुरू किया गया था | जिसका मेन उद्देश्य यहाँ आदिवासी के साथ मेल जोल बढ़ाना और उनकी जो रीती रिवाज , जीवन शैली और सामाजिक कार्यशैली को बेहतर रूप से समझना आदि | हिजला शब्द “हिज लॉज” से बना है | ब्रिटिश समय में यंहा के ग्रामीण इस मेले में कई सामान लेकर आते थे | जिसे बेच कर दूसरा अपना  जरुरत के सामान लेता था |

फरवरी महिना में लगता है मेला

मग ,फाल्गुन यानी फरवरी महिना में लगने वाला हिजला मेला जो एक साप्ताहिक मेला है | राज्य सरकार ने हिजला मेला को 2008 में धूमधाम से मानाने का फैसला किया | उसके बाद 2015 में इस हिजला मेला को राजकीय मेला में शामिल किया गया | जिसके बाद राज्य के लोगो को एक मेला मिला जो राज्य आदिवासी हिजला मेला महोत्सव के रूप में जाना जाने लगा |

हिजला मेला किस क्षेत्र में लगता है

त्रिकुट पर्वत से निकलने वाली मयूराक्षी नदी के किनारे हिजला मेला प्रत्येक वर्ष बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है | यहाँ नदी किनारे और पर्वत पहाड़ के मध्य होने के चलते पंक्षीयो का चहकना जो इस मेले को और सौन्दर्य बना देता है | इस मेले में कला , नृत्य  संगीत का प्रदर्शन किया जाता है | इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय कला का प्रतियोगिता होता है | इस मेला में पुस्तक की दुकाने , खाने की सामग्री ,खानपान से जुड़ा हुआ ,पशुओ की बाज़ार हस्तशिल्प जैसे ढेरो स्टाल लगाये जाते है | जिसकी निगरानी जिला प्रसाशन करती है |

कृषि एव सिचाई परियोजना

संथाल परगना में सिचाई के लिए तोरई जलाशय , गुमानी बराज , और सातवी सातवर्षीय योजना के तहत पुनासी जलाशय का निर्माण किया गया है | जिला में जादातर धान की खेती ,बाजरे की खेती ,मक्का , अरहर , कुर्थी , गेंहू ज्वार जैसे फसल अधिक मात्रा में उगाया जाता है |

दुमका की मिट्टी

दुमका में तीन तरह की मिट्टी पाया जाता है | जो निम्न प्रकार है

काली मिट्टी – इस मिट्टी में लावा युक्त ,लोहा चुना मैग्नीशियम युक्त होता है | जो कपास और चाय की खेती के लिए सबसे अच्छा मना जाता है

लैटेराईट मिट्टी – इस मिट्टी में लाल रंग और कंकड़ का मिक्सर होने के चलते इसमें अरहर तथा अरंडी की खेती के लिए उपयुक्त मना जाता है |

बलधार मिट्टी – इस मिट्टी में पीलापन ,लाल रंग अम्लीय युक्त ,रेत आदि जो अरहर कुर्थी ज्वार और बाजरा के लिए सबसे अच्छा मना जाता है

अर्थव्यस्था

दुमका में कोई भी बड़ा कारखाना इस समय नही है | यहाँ के लोग खुद अपनी छोटी मोटी व्यसाय कर कमाई करते है | दुमका में 6 शोपिंग मॉल है | जो निम्न प्रकार है.

  • वी – मार्ट – दुमका का पहला शोपिंग मॉल है | जो दुमका के वीर कुंवर चोक के पास है |
  • एम – बाज़ार – दुमका के मारवाड़ी चोक होटल सुविधा के नजदीक है |
  • इंडिया फेमली मार्ट – यह दुमका के थाना रोड में है |
  • बाज़ार इंडिया – दुमका के भागलपुर रोड एव पंजाब नेशनल बैंक के सामने है |
  • v2 – फेमली इंडिया मार्ट के सामने है |
  • रिलाइंस ट्रेंड्स – यह शोपिंग मॉल 2019 में खोला गया है | जो दुमका के जेल रोड में स्थित है |

दुमका में रेल सेवा सुविधा की शुरुवात  

आज दुमका यानी संथाल परगना जाने के लिए बहुत ही जादा सुविधा हुई है | पहले बसों के जरिये जाना पड़ता था. लेकिन अभी के समय में ट्रेन सुविधा है | जो राजधानी रांची से लगभग 10 घंटे में ही ट्रेन से संथाल परगना पंहुचा देती है | 2011 में जसीडिह से दुमका के रेल लाइन को जोड़ा गया था | फिर 2012 से रांची दुमका इंटरसिटी ट्रेन को हरी झंडी दी गई | जिसके बाद दुमका में तीन पहिया को गति मिली जिससे लोगो को रोजगार भी मिला | और 2015 में दुमका से रामपुरहट के लिए ट्रेन सेवा भी शुरू कर दिया गया | आने वाले कल में दुमका और भी  कई सुविधा से लैश होगी |

सड़क एव परिवहन सुविधा

दुमका , देवघर , धनबाद , कोलकाता , रामपुरहट जैसे पडोसी जिला एव शहर सड़क मार्ग जुड़ा हुआ है | संथाल परगना दुमका में जादा संख्या बसों का संचालन किया जाता है | जो एक जिला से दुसरे जिला तक अच्छा सम्बन्ध स्थापित किया है | इनमे से कुछ लग्जरी बसे भी है | जो कोलकाता ,बिहार ,रांची जैसे लांबी दुरी तक सफ़र करती  है |

official website  www.dumka.nic.in 

 

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