ताड का पेड़ मनुष्य के लिए प्राकृतिक वरदान है. Palm tree in hindi

ताड का पेड़ Palm tree in hindi

ताड का पेड़ भारत जैसे देश में बहुत प्रचलित है. जो मानव के लिए एक प्राकृतिक वरदान है. जिसमे कई तरह के औषधीय गुणों से भी भरा है| palm tree meaning in hindi ताड का पेड़ बहुत लम्बे समय से उपयोग किया जाता रहा है| आज के समय में हम अपनी जीवन शैली में बदलाव के चलते प्राकृतिक का दिया हुआ चीजो से हम दूर होते चले गए है| जिसके चलते लोगो को नयी – नयी बीमारियों का सामना करना पड़ता है| ताड का पेड़ का फल, और रस दोनों का सेवन किया जाता है| लेकिन हम आपको बताना चाहते है. कि ताड का पेड़ का लगभग सभी भाग किसी ना  किसी रूप में  उपयोग होता है| कैसे और कहाँ उपयोग होता है. आगे हम विस्तार से समझेंगे|

Palm Tree ताड का पेड़ किसे कहते हैं

Palm tree in hindi ताड एक लम्बा आकर का पेड़ है. जिसकी ऊंचाई लगभग 40 से 50 मीटर तक हो सकता है| इसमें किसी प्रकार की कोई डाली नहीं होती है. ताड के पेड़ का सबसे उपरी भाग में पत्ते होते है. और इसके पत्ते फैले हुए और मजबूत होते है| ताड़ के पेड़ की विशेषता क्या है. ताड के पेड़ के उपरी भाग समय के साथ बढता चला जाता है. क्योंकि इसका कोई भाग डाल का रूप नहीं लेती है| ताड सदाबहार वृक्ष होते है. ताड की विशेषता एवं उपयोगी के कारन इसे भारतीय नोटों में भी शामिल किया गया है|

ताड का पेड़

ताड के पेड़ का उपयोग

इस पेड़ का लगभग सभी भाग अलग-अलग तरह से इस्तेमाल किया जाता है. जिसमे से कुछ इस प्रकार है|

फल

रस (ताड़ी)

पत्ती

छाल एवं पत्ता

ताड के फल Palm tree fruit

Palm tree fruit  जिसे हर व्यक्ति कभी ना कभी जरुर खाया होगा| ताड के पेड़ में फूल मार्च महीने आता है. और फल मई महीने में आता है. फल पूरी तरह पकते- पकते अगस्त पहुँच जाता है| ताड के फल के अंदर एक तरह का रेशेदार गुदा होता है. जो खाने योग्य होता है| जो विटामिन से भरपूर होता है| ताड की पेड़ में फल गुच्छे आकर में होता है. जो देखने में नारियल के फल जैसा लगता है. जो काले या लाल रंग का होता है|

Palm tree के बहुत से प्रजातियाँ है. उनमे से एक ताड के पेड़ का है| जो ग्रामीण इलाका रेगिस्तान, नदी किनारे सबसे ज्यादा देखने को मिलेगा. क्योंकि इस पेड़ को लगाने के लिए दोमट मिटटी एवं रेतीला स्थान की आवश्यकता पड़ती है| ताड के फल गर्मियों के मौसम में खाने के लिए बेहतर माना गया है. क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है. और यह शारीर को ठंडा रखता है. जिससे शारीर में थकन नहीं होता है. और शारीर उर्जावान रहता है|

ताड का पेड़

ताड़ी पीने के फायदे नुकसान

ताड के फूल एवं तना से जो रस निकला जाता है. उसे ताड़ी कहते है| ताड़ी एक प्रकार का रस होता है. जो पौषक तत्व से भरा होता है| ताड़ी दो प्रकार के होते है.

मीठा ताड़ी – सूरज निकलने से पहले यानि सुबह में जिस ताड़ी को ताड के पेड़ से उतरा जाता है. उसे नीरा या मीठा ताड़ी कहा जाता है| जो स्वास्थ के लिये बहुत ही लाभदायक है|

बसी ताड़ी – सूरज निकलने के बाद या जिस ताड़ी में सूरज की धुप पड़ जाए उसे बसी ताड़ी कहते है| जो नशीला होता है. इसके पीने से नशा लगता है. ताड़ी में अल्कोहल की मात्रा 3 से 6 प्रतिशत  होता है. जो बियर से तुलना की जा सकती है| जो प्राकृतिक है. इसमें किसी तरह का कोई मिलावट नहीं होता है|

ताड़ी शराब नहीं है. अगर इसे सही समय और सही मात्र में लिया जाये तो अनेको स्वास्थ मिल सकते है| गर्मियों के मौसम में ताड़ी सबसे अधिक ताड़ी का सेवन सेवन ग्रामीण क्षेत्र में होता है. क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र ताड के पेड़ की संख्या अधिक होती है| ताड़ी से गुड भी बनाया जाता है. ये गुड बाजार में नहीं मिलता है. इसका गुड घर में खाने के लिए ही बनाया जाता है. इसका उत्पादन अधिक नहीं हो पाता है|

मीठा ताड़ी पीने के बहुत से स्वास्थ लाभ है. जिसमे कब्ज, बदहजमी, आदि प्रमुख है. शारीर में पानी की कमी होने पर भी मीठा ताड़ी को पिया जाता है| यानि जो व्यक्ति प्रतिदिन मीठा ताड़ी का सेवन करता है| उसे बहुत सारे स्वास्थ लाभ तो मिलता लेकिन शारीर में पानी की कमी कभी नहीं होती है|

ताड़ी में विटामिन B की प्रचुर मात्रा होता है. जो बेरी बेरी बीमारी में बहुत लाभकारी होता है| ताड की प्रजाति जितने भी है. सभी गर्म देशो में होता है|

ये भी पढ़े 

ताड की पत्ती

इस पेड़ की पत्ती से छप्पर बनाया जाता है. ऐसे छप्पर रेगिस्तान जैसे स्थानों पर अधिक देखने को मिलेगा| इसके अलावा ताड़  पंखा झाड़ू, चटाई आदि भी बनाया जाता है| ताड के पेड़ को घर बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है. और इस पेड़ को अंदर से खोकला करके छोटी नाव भी बनाया जाता है| कई ताड के पेड़ ऐसे भी होते है. जो बहुत मजबूत आकर के होते है|

ताड के छाल एवं पत्ता 

इस पेड़ छाल एवं पत्ता  को उपयोगी माना जाता है. इसके छाल एवं पत्ता  में औषधीय गुण पाए जाते है. जिसका उपयोग आयुर्वेद की दावा बनाने में किया जाता है. जिसमे पेट रोग एवं आँखों के लिए फायदेमंद बताया गया है|

ये भी पढ़े 

  1. हजारीबाग कहां है और किसके लिए प्रसिद्ध है
  2.  गिरिडीह कहां है.?और गिरिडीह जिला क्यों प्रसिद्ध है. जिला कब बना
  3. लातेहार जिला के बारे मे
  4. घाटशिला कहाँ है
  5. रांची
  6. गुमला जिला कब बना
  7. खूंटी जिला कब बना
  8. जामताड़ा कहां है और जामताड़ा क्यों प्रसिद्ध है?
  9. दुमका शहर
  10. our links

 

 

%d bloggers like this: