जामताड़ा कहां है और जामताड़ा क्यों प्रसिद्ध है?

झारखण्ड का एक ऐसा जिला जो पुरे देश में लोकप्रिय है. जिसका नाम है, जामताड़ा जिला. ये जिला साइबर क्राइम के लिए बहुत जादा फेमस है. क्योंकि 80% ठगी  कि घटना जामताड़ा से जुड़ा हुआ रहता है. वैसे तो जामताड़ा जिला कि अपनी अलग संस्कृति, रीति रीवाज और कहानी है. जिसको हम आगे विस्तार से समझेंगे |

जामताड़ा जिला

झारखण्ड के 24 जिलो में से एक है. जामताड़ा जिला, जिसे दुमका जिला से अलग करके बनाया गया एक नया जिला है. जिसके पूर्व में दुमका , पश्चिम में गिरिडीह, उतर में देवघर और दक्षिण में धनबाद एवं पश्चिम बंगाल से घिरा हुआ है. जामताड़ा जिला का क्षेत्रफल 1,811 वर्ग किलोमीटर है. ये जिला छोटानागपुर पठार के निचले हिस्से में स्थित है. जामताड़ा जिला क्षेत्रफल के आधार से 21वा एवं जनसँख्या (791042) के दृष्टी से 19वी स्थान पर है.

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जामताड़ा जिला साइबर क्राइम

भारत देश के झारखण्ड राज्य के जामताड़ा जिला में साइबर क्राइम का घटना पुरे देश विदेश में लोकप्रिय है. यहाँ मात्र 5 वी क्लास तक डिग्री लेने वाला व्यक्ति भी इस काम में महारत हासिल किया हुआ है. भारत में 80% साइबर क्राइम ठगी का तार जामताड़ा से जुड़ा मिलता है. जिससे 12 राज्यों कि पुलिस इस छोटे से शहर का भ्रमण कर चुके है. साइबर के जाँच के लिए, आज वहां के लोग जो इस काम से जुड़े हुए है. उनके पास लग्जरी गाड़ी देखने को मिलेगा. कच्चे मकान को पक्के मकान में बदला, कभी ये जिला गरीब हुआ  करता था. लेकिन इस तरह दो नंबर का काम ने बहुत से लोगो को आमिर बना दिया. अमेरिका के वैज्ञानिक भी हैरान है. कि छोटा जिला और ना ही सही नेटवर्क कि सुविधा फिर भी ये लोग इतने तेज़ इस काम में कैसे है.

जामताड़ा साइबर क्राइम कि शुरुवात

पुलिस और मीडिया रिपोर्ट के अनुसार साइबर क्राइम का धंधा साल 2013 में शुरू हुई. जो 2019 तक बड़े बड़े लोग अभिनेता , राजनेता, संसद जैसे लोग ठगी के शिकार हुए है. जो बैंक का अधिकारी बता कर घटना को अंजाम देता था. जिसमे से महानायक अमिताभ बचन, भी इस  ठगी शिकार हुए है. और भी ऐसे कई लोग जो इस जल में फंसकर अपनी धन, सम्पति को खोया है.

जामताड़ा साइबर क्राइम फिल्म

हल ही में नेटफ्लिक्स ने जामताड़ा साइबर क्राइम के बारे में एक वेबसीरीज बनाया गया है. जिसका नाम है. “जामताड़ा सबका नंबर आयेगा” जो यूटूब पर देखा जा सकता है. जिसमे बताया गया है. कैसे ये लोग इस तरह के ठगी को अंजाम देते है. ये साइबर अपराधी ही है. जिसने जामताड़ा जिला को पुरे देश के नक़्शे दिखा दिया.

फिल्म देखने के लिए यहाँ क्लिक करे 

जामताड़ा जिला कब बना

26 अप्रैल 2001 को दुमका जिला के चार ब्लाक कुंडहित, नाला, जामताड़ा, और नारायणपुर को अलग कर जामताड़ा जिला को बनाया गया था. जो पहले सब डिवीज़न था.

जामताड़ा क्यों प्रसिद्ध है?

झारखण्ड राज्य का जामताड़ा जिला साइबर क्राइम के ठगी के लिए बहुत जादा फेमस है.इसके अलावा यहाँ बाक्साइट कि खदान है. जो जिला कि अर्थव्यवस्था के लिए कवच कि तरह है.और इससे पोपुलर जामताड़ा कि काजू जो सबसे सस्ते कीमत में मिलता है.

जामताड़ा का इतिहास

संथाल परगना का इतिहास से अलग नही है .जामताड़ा का इतिहास, क्योंकि जामताड़ा जिला भी कभी दुमका जिला का हिस्सा हुआ करता था. जो आज इसे एक अलग जिले रूप में जाना जाता है.

सिधु कनूह के अधीन 1854 – 55 के संथाल हुल के दौरान ये एरिया अशांत था. ऐसा कहा जाता है. कि विद्रोहियों ने गांव – गांव जाकर सहानुभूति (हमदर्दी )  प्राप्त कि, गोपाल मंडल जो वहां का ग्राम प्रधान था. उन्होंने बड़े सम्मान के साथ उनलोगों का सामना किया. जिसमे आस – पास के सभी ग्रामीण भाग गए थे. उसके बाद उन्होंने एक रात के लिए  दवात पेश कि, जिसमे सिधु मुर्मू  को  नारायणपुर ब्लाक से पकड़ लिया गया. जिसमे संताल विद्रोह के बाद एक अलग संताल परगना जिला को बनाया गया. जो बिहार के गठन के पहले पश्चिम बंगाल का हिस्सा हुआ  करता था. इसीलिए आज भी  इस एरिया के लोग हिंदी और बंगाली बोलते है. लेकिन यहाँ के आदिवासियों कि भाषा संताली है जो व्यापक रूप से बोली जाती है.

जामताड़ा को मिला अलग पहचान

अमित बेसरा जो जामताड़ा के जाने मने लेखक और समाजसेवी है. उन्होंने जामताड़ा जिला को दुनिया के नक़्शे में दिखया. वर्ष 2010 में एक उपन्यास “ इट्स डाईंग टाइम – ए चिलिग़ इंडियन थ्रिलर “  प्रकाशित किया गया था. उसके बाद फिर वर्ष 2013 में बी द चेंज , इन सर्च ऑफ लव – ए स्टोरी ऑफ लव को प्रकाशित किया गया था. जो  सभी किताब अमेज़न, फ्लिप्कार्ट, और गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है.

इसके अलावा और एक नया लेखक बिकास मुर्मू जो बहुत ही गरीब परिवार से है. इसने भी एक किताब लिखी जिसका नाम है. “ज्ञान कि कुंजी “ ये किताब हिंदी, इंग्लिश, और संथाली भाषा में लिखी गयी है.

ईश्वर चन्द्र विधासागर का इतिहास

बंगला भाषा और बंगला लिपि के पितामह कहे जाने वाले ईश्वर चंद्र विधासागर ने अपने जीवन का अंतिम 18 साल कर्माटंड में बिताने का फैसला किया था. जो अभी जामताड़ा जिला में स्थित है. जहाँ रहता था, उस जगह का नाम उसने “नंदन कानन “ रखा था. कर्माटंड में उन्होंने संथालो के साथ रहा. इसके अलावा उन्होंने समाज को बदलने का भी बहुत प्रयास किया. पहली बार संताली लडकियों के लिए स्कूल बनाया, जो हमारे देश में पहला बालिका विधालय बना था. इसके साथ – साथ वहां के आदिवासी के लिए नि:शुल्क होम्योपैथिक क्लिनिक की शुरुवात किया था. जिसे जनजातिय समाज के लोग उसे भगवान् कि तरह पूजते थे. ईश्वर चंद्र विधासागर ने अपने जीवन कल में अनेको काम किये  इसलिए उसे ज्ञान के सगार विधासागर के नाम से जाने  जाते है.

पर्यटक स्थल

जामताड़ा में कई तरह के होटल और गेस्ट हाउस को बनाया गया है. इसके अलावा यहाँ तीन पर्यटक स्थल है. जो देखने योग्य है.

पर्वत विहार पार्क – जामताड़ा रेलवे स्टेशन से 5 किलोमीटर कि दुरी पर उत्तर भाग में स्थित है.जामताड़ा जिला में आने वाले लोगो के लिए यह बहुत ही लोकप्रिय पर्यटक स्थल है. सबसे जादा इस जगह में बच्चे आकर्षित होते है. क्योंकि यहाँ उगते हुए सूरज और डूबते हुए सूरज का नजारा बहुत कि खुबसूरत दिखाई देता है.

दुखिया महादेव का क्रमदाहा मंदिर – ये जगह जामताड़ा रेलवे स्टेशन से 44 किलोमीटर कि दुरी पर स्थित है. इस जगह पर प्रतेक साल 14 जनवरी मकरसक्रांति से 27 जनवरी तक मेला लगता है.

लाधना डैम – पर्यटक के दृष्टि से ये स्थान बहुत ही अच्छा है. इस डैम के आस पास के पहाड़ का नजारा, चारो और लकड़ी कि नाव कि सवारी का आनंद ले सकते है. ये जगह पिकनिक स्पॉट के लिए भी सबसे अच्छा माना जाता है.

जामताड़ा का जलवायु

यहाँ का जलवायु बाकी जिलो से थोडा अलग है. क्योंकि ये जगह पश्चिम बंगाल के नजदीक होने के चलते यहाँ हर साल 1500 MM तक वर्षा होती है. यहाँ सबसे अधिक वर्षा ऋतू में वर्षा होती है. लेकिन ठण्डा के मौसम में यहाँ का तापमान लगभग 9 से लेकर 15 सेंटीग्रेट तक हो सकता है. जबकि गर्मी के मौसम में तक़रीबन 21 से लेकर 41 सेंटीग्रेट के बीच हो सकता है.

पहाड़ पर्वत और पठार

जामताड़ा जिला में कम पहाडियों वाला एक पठार है. अगर पूर्वी भाग को छोड़ दिया जाये जहाँ राजमहल कि पहाड़ियाँ इस क्षेत्र से मिलती है. यहाँ के दक्षिण – पश्चिम भाग में एक लुढ़कता हुआ उपरी हिस्सा है. इसके अलावा रामगढ कि पहाड़ियाँ है. जामताड़ा जिला कुछ शहरी क्षेत्र को छोड़कर बाकी अत्यधिक ग्रामीण है.

अजय नदी जिला से होकर गुजरती है.और यंहा के जंगल पुरे जामताड़ा जिला को कवर करती है.

कृषि एवं अर्थव्यस्था

जामताड़ा जिला में मुख्य रूप से धन, ज्वार, बाजरा, मक्का, कुर्थी, अरहर, जैसे फसलो को उगाया जाता है.  इसके अलवा यहाँ काजू कि भी खेती अत्यधिक मात्रा में किया जाता है. जो बेहद सस्ते भाव में बेचा जाता है.

यहाँ कि अर्थव्यस्था जादातर खेती पर ही निर्भर है. इसके अलावा यहाँ  बाक्साइट की खदान भी  है.  जो यहाँ कि अर्थ व्यवस्था के लिए कवच कि तरह काम करती है.  जिला के कुल कामगार में 64% कामगार प्राइमरी सेक्टर में लगे है.

संस्कृति एवं रीति रिवाज

जामताड़ा जिला कि संस्कृति बहुत हद तक पश्चिम बंगाल कि संस्कृति से मिलता जुलता है. क्योंकि ये जिला पश्चिम बंगाल के नजदीक पड़ता है. जिला में रहने वाले अधिकांश लोग हिन्दू है. और यहाँ हिन्दी भाषा के अलावा बंगाली और संताली भाषा बोली जाती है.

जिला कि रीति रिवाज अन्य जिलो कि तरह ही है. यहाँ दशहरा, दीपावली, सरस्वती पूजा,  होली  जैसे बड़े त्यौहार को बहुत ही धूम – धाम से मनाया जाता है. यहाँ के लोग चावल, रोटी के साथ दाल खाना जादा पसंद करते है.

परिवहन कि सुविधा

जामताड़ा में ट्रेन कि सुविधा बहुत पहले से है. यहाँ कि रेलवे लाइन दुसरे राज्यों से भी जुडी है. बिहार, पश्चिम बंगाल आदि. इसके अलावा जिला में बस कि भी सुविधा जो एक जिला से दुसरे जिला तक जुडी हुई है. जिसमे सिटी बस से लेकर लग्जरी बस तक कि सुविधा है.

नजदीकी एयरपोर्ट –  पटना ,पश्चिम बंगाल एवं  राजधानी एयरपोर्ट रांची

नजदीकी रेलवे स्टेशन  – जामताड़ा , विधासागर रेलवे स्टेशन ,

कॉलेज/ विश्वविधालय

जनजातीय संध्या इंटर कॉलेज (आंबेडकर नगर मिहिजाम)

जनजातीय संध्या डिग्री कॉलेज (आंबेडकर नगर मिहिजाम )

जामताड़ा कॉलेज जामताड़ा (स्टेशन रोड के पास)

जे. बी. सी  उच्च विधालय (स्टेशन रोड जामताड़ा)

महिला कॉलेज जामताड़ा (पुराना कोर्ट के पास )

सरकारी आई.टी.आई कॉलेज (कम्बाइंड बिल्डिंग के पास जामताड़ा )

स्कूल

आर.के +2 उच्च विधालय (मिहिजाम जामताड़ा)

एडवार्ड इंग्लिश मीडियम हाई स्कूल (बुधुडीह जामताड़ा)

एस डीएव (नामुपड़ा जामताड़ा)

केंद्रीय विधालय (दक्षिण बहल रोड कटंकी जामताड़ा)

सेंट जोसेफ हाई स्कूल (श्रीरामपुर जामताड़ा)

जिला के स्वस्थ सेवा

जिला में दो अस्पताल है. जो राज्य सरकार द्वारा संचालित होती है.

प्राथमिक स्वस्थ केंद्र (इंद्रा चौक जामताड़ा)

सदर अस्पताल (कटंकी जामताड़ा)

जामताड़ा जिला में नगर पालिका

जिला में दो नगरपालिका है. जो इस प्रकार है.

जामताड़ा नगर पंचायत

मिहिजाम नगर परिषद्

जामताड़ा जिला में कितना प्रखंड है

जिला में एक अनुमंडल एवं 6 प्रखंड है. जो इस प्रकार है.

अनुमंडल – जामताड़ा

प्रखंड – कुंडहित, नाला, जामताड़ा, नारायणपुर, कर्माटंड, और फतेपुर

नोट – कुंडहित प्रखंड सबसे बड़ा क्षेत्र है. एवं कर्माटंड विधासागर ब्लाक जो छोटा क्षेत्र है.

जामताड़ा जिला में कितना पंचायत है

जिला में कुल 118 पंचायत है.

जामताड़ा जिला में कितना थाना है

जिला में कुल 11 थाना है. जो इस प्रकार है.

  • एससी/ एसटी थाना (कोर्ट रोड जामताड़ा)
  • कर्माटंड पुलिस स्टेशन (बड़ापहारी जामताड़ा )
  • कुंडहित पुलिस स्टेशन (राजनगर रोड कुंडहित )
  • जामताड़ा पुलिस स्टेशन (कोर्ट रोड जेल के पास)
  • नारायणपुर पुलिस स्टेशन (थाना मोड़ जामताड़ा)
  • नाला पुलिस स्टेशन (गोपालपुर जामताड़ा )
  • फतेफर पुलिस स्टेशन (फतेपुर जामताड़ा )
  • बगदाहरी पुलिस स्टेशन (बगदाहरी झारखण्ड )
  • विन्दापथर पुलिस स्टेशन (बिन्दापथर हरी मंदिर के पास )
  • महिला थाना (गायछन्द जामताड़ा )
  • मिहिजाम पुलिस स्टेशन (दुर्गामंदिर के पास मिहिजाम )

जामताड़ा का मतलब क्या होता है?

जामताड़ा का नाम जाम और ताड़ा शब्द से बना है.जो संथाली भाषा में इसका मतलब होता है, “जाम “ का अर्थ साँप होता है. और “ताड़ा “ का अर्थ  “आवास “ होता है. ये नाम इसलिए रखा गया, क्योंकि जामताड़ा जिला में साँप बहुत जादा संख्या में पाया जाता है.

जामताड़ा कहां है

भारत के झारखण्ड राज्य में, जो एक जिला है.

जामताड़ा काजू मार्केट price

जामताड़ा जिला के नाला प्रखंड में बहुत ही सस्ते भाव में काजू बेचा जाता है. जो महज 10 से 20 रुपया किलो, कयोंकि यहाँ काजू का बहुत बड़ा बागन है. जो लगभग 49 एकड़ फैला है. जो यहाँ के बच्चे और महिला इस काम में लगे हुए है. वैसे दुसरे राज्य में काजू कि कीमत बहुत जादा है. लेकिन झारखण्ड के इस जिले सस्ता है.

सबसे सस्ता काजू कहां मिलता है

झारखण्ड के जामताड़ा जिला में सबसे सस्ता काजू बेचा जाता है.

जामताड़ा कौन से राज्य में पड़ता है?

भारत देश के झारखण्ड राज्य में

निष्कर्ष

हमने इस लेख के माध्यम से जामताड़ा जिला के बारे में बताने का प्रयास किया है.मै आशा करता हु कि आपलोग भली – भांति समझ गए होंगे. इस लेख में कहीं भी कोई शब्द छुट गया है. तो हमे कमेंट जरुर करे, अगर ये लेख जारा सा भी अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों एवं सोशल मीडिया में जादा से जादा शेयर करे, धन्यवाद्

 

 

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