26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं

 गणतंत्र दिवस Republic Day

आजादी एक ऐसा शब्द है. जो बच्चो से बुजुर्ग तथा पंछी से परिंदा तक सभी को अच्छी तरह से समझ में आता है. ऐसा ही है. गणतंत्र दिवस हमारे भारत देश कि आजादी और हमारे संविधान जो हर व्यक्ति के साथ जुड़ा हुआ है. उस दिन को हमलोग कैसे भूल सकते है. जब देश अंग्रेजो के जुल्म और अत्याचार को सहन करता पड़ता था. जिसे अंग्रेजो ने अपनी कानून बनाकर भारत में 200 साल तक राज किया, इस 200 साल के दौरान भारत के लोगो ने बहुत कुछ खोया जिसका भरपाई कभी नही हो सकता है. आज भारत में अपनी संविधान है. जिसका मौलिक अधिकार हर व्यक्ति को दिया गया है. जिससे अपनी जिंदगी अपनी तरह से जीने का अधिकार प्राप्त है.

ये भी पढ़े गिरिडीह कहाँ है?

गणतंत्र दिवस पर निबंध

भारतीय गणतंत्र दिवस  देश का एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय त्यौहार है. जो प्रत्येक साल 26 जनवरी को हमारे लोकतान्त्रिक भारत देश मे पूरे जोश तथा सम्मान के साथ मनाया जाता है. क्योंकि इसी दिन 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान पूर्ण रूप से लागु हुआ था. जो भारत का संविधान पूरे विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है. इस दिन पुरे देश में चाहे वो स्कूल हो, कॉलेज हो. ऑफिसर क्लब, सभी जगह बड़ी धूम धाम से गणतंत्र दिवस को मनाया जाता है. राजधनी नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रत्येक साल राजपथ पर भव्य परेड होती है. जो इंडिया गेट से लेकर राष्टपति भवन तक जाती है. इस कार्यक्रम मे उपस्थित भारतीय सेना के अलग-अलग सेना के जवान वायुसेना सेना, थल सेना ,और नौसेना, परेड मे उपस्थित होकर अपनी कलाबाज़ी का प्रदर्शन करते है.

गणतंत्र दिवस निबंध हिंदी में 200 शब्द

15 अगस्त 1947 को हमारा देश स्वतंत्र हुआ, उसके बाद 26 जनवरी 1950 को हमारे भारत देश का संविधान लागु हुआ, और स्वतंत्र भारत को गणतंत्र देश कि मान्यता दी गयी. इसलिए 26 जनवरी का दिन प्रतिवर्ष बड़े हर्ष और उल्लास से एक पर्व कि तरह मनाया जाता है. यह हमारा राष्ट्रिय पर्व है.

गणतंत्र दिवस समारोह कि तैयारी बहुत पहले से प्रारम्भ हो जाती है. 26 जनवरी को देश का मुख्य समारोह दिल्ली में राजपथ पर मनाया जाता है. दूर- दूर से लोग इस पर्व को देखने के लिए यहाँ पहुँचते है.

इस दिन प्रातः प्रधानमंत्री महोदय इण्डिया गेट जाकर ‘अमर जवान ज्योति’ पर स्वतन्त्रता के लिए शहीद हुए सेनानियों को  श्रीदांजलि अर्पित करते है. तथा जल, थल, और वायु सेना कि दुकड़ीयां राष्ट्रपति को सलामी देती है. अनेक अस्त्र – शास्त्र , टैंक , लड़ाकू विमान आदि के प्रतिरूप को प्रदर्शित करती है.विभिन्न प्रांतो कि संस्कृति एवं कलाबाज़ी दिखाई जाती है. हेलीकाप्टर कि उड़ाने पुष्प वर्षा करते हुए तथा भिन्न भिन्न प्रांतो के लोक नाटक अपनी परम्परागत वेश – भूषा में बहुत ही सुंदर लागतें है. और अंत में

यह पर्व हमारी राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है.

स्वतंत्र दिवस के बारे में कुछ शब्द

भारत अपने ब्रिटिश शासन के समय में ही अपनी आजादी कि मांग कई बार उठा चूका था. लेकिन ब्रिटिश सरकार हमेशा इसे ख़ारिज करता रहा, और जितने भी आन्दोलन होते थे. वे सभी बल पूर्वक दबाते रहता था. जब 1920 के दशक में स्वराज्य के लिए आन्दोलन शुरू हुआ, तो  इसे पूर्ण स्वराज्य में बदलने में देर नही लगा. तमाम उतर चढाव के वावजूद करीब 30 साल के बाद ब्रिटश सरकार ने भारत को स्वतंत्र बनाने का फैसला किया.

जिसमे महात्मा गाँधी द्वारा शुरू किया गया सत्याग्रह नमक आन्दोलन को मिली सफलता के बाद ब्रिटिश सरकार को समझ में आ गया था. कि भारत को अब ज्यदा दिनों तक ब्रिटिश नियंत्रण में नहीं रखा जा सकता है. भारत और ब्रिटिश सेना के बिच लड़ाई और दुसरे विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन में आयी मंदी ने भारत के आजादी में आखरी किल कि तरह कम किया. जो 1947 में ब्रिटेन कि संसद में भारतीय स्वतंत्र अधिनियम पारित होने बाद ब्रिटिश सरकार ने भारत पर अपना अधिकार त्याग दिया. और भारत में स्वराज्य कि स्थापना हुई. इसके बाद ब्रिटिश कानून के तहत डोमिनियन स्टेट का दर्जा दे दिया गया. जो क़ानूनी तोर पर भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गया.

गणतंत्र दिवस का इतिहास

1947 में भारत के आजाद होने बाद भी देश में कोई भी स्थाई कानून नही था. जिसे भारत के नागरिक को अपना अधिकार मिल सके.  भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र होने के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई. और 9 दिसंबर 1947 को अपना कार्य शुरू कर दिया. संविधान सभा के सदस्य निर्वाचित सदस्य चुने जाने वाले का नाम डॉ.भीमराव अम्बेडकर, जवाहरलाल नेहरू, डॉ.राजेंन्द्र प्रसाद, सदर वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद,  आदि सभा के प्रमुख सदस्य थे. भारतीय संविधान के बनाने के समय कुल 22 समिति गठित किया गया था. उनमे से एक प्रारूप समिति (ड्राफ्टिंग कमेटी) प्रमुख समिति हुआ करती थी. इस ड्राफ्टिंग कमेटी का खास मकसद यह था, कि कार्य को सम्पूर्ण संविधान लिखना या बनाने का कार्य था.

संविधान का निर्माण 

डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी ने भारतीय संविधान निर्माण मे कुल 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन का समय लगा था. भारतीय संविधान सभा के तत्कालिन अध्यक्ष डॉ.राजेंन्द्र प्रसाद ने 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान को पूर्ण रूप से अपनाया. इसी वजह से प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को संविधान को भारतीय संविधान दिवस के रूप मे मनाया जाता है. भारतीय संविधान सभा को निर्माण करने के लिए कुल 114 दिन कि बैठक सम्पन हुई थी. इस कारण संविधान सभा कि बैठक मे प्रेस रिपोर्टर और आम जनता को भी बैठक मे शामिल होने के लिए आनुमति दी गई थी. इसमें कई प्रकार कि त्रुटि मे सुधार तथा बदलाव करने के पश्चात् कुल 284 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को दो हस्त लिखित कॉपी पर हस्ताक्षर किया गया. पुनः इसके दो दिन बाद 26 जनवरी 1950 को संविधान पूरे देश भार मे लागू हुआ.

भारतीय संविधान पूर्ण रूप से लागु हुआ 

26 जनवरी 1950 को देश संविधान पूर्ण रूप से लागु हुआ. इसके साथ ही भारत एक स्वतंत्र गणराज्य बन गया. जिसमे अधिराज्य व्वस्था को संविधान के द्वारा गणराज्य व्यस्था में बदल दिया गया, जिसमे भारत के राजा एवं महाराज्पल के पद को भी समाप्त कर दिया गया. अब एक लोकतान्त्रिक रूप से चुने हुए राष्ट्रपति को अध्यक्ष बना दिया गया. 15 अगस्त को देश स्वतंत्र होने कि ख़ुशी में जश्न मनाया जाता है. और 26 जनवरी संविधान पूर्ण रूप से लागु होने कि ख़ुशी में जश्न मानते है.

हमारे भारत देश की पूर्ण स्वराज की घोषणा भारत के लाहौर अधिवेशन मे इस मुद्दा को पेस किया गया. कि यदि ब्रिटिश शासन काल मे अंग्रेजी सरकार के अधिवेशन के तहत 26 जनवरी 1930 तक भारत देश को डोमिनियम का दर्जा नहीं दिया गया था.तो बाद मे भारत देश को पूर्ण रूप से स्वतंत्र घोषित कर दिया गया.ब्रिटिश शासन काल के सरकार ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं जताई.26 जनवरी 1930 को भारतीय कांग्रेस को अपना पूर्ण स्वराज की घोषणा कर दी गई.उस समय इस अधिवेशन की अध्यक्षता भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 31 दिसंबर 1929 को हुई.

भारतीय संविधान को कैसे बनाया गया था?

 भारतीय संविधान को 2 हस्त  लिखित अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं मे  बिहारी रायजादा ने लिखा था.संविधान के निर्माण के समय कुल 396 अनुच्छेद, 8 अनुसूचिया और 22 भाग है. जिसमें से संविधान को 104 बार संशोधन किया गया. इन्ही नियम और कानून के तहत और अपना अधिकारों के साथ जीवन मे जीने का रास्ता दिखाया, और हम सब भारत देश के मूल नागरिक होने के साथ-साथ नियम कानून को पालन करना और साथ मे भारत देश को एक विकसित राष्ट्र बनाना है. संविधान निर्माण के समय डॉ.भीमराव अम्बेडकर की अगुवाई मे 284 सदस्यता वाली टीम मे जिनमें से 15 महिलाएं भी शामिल थी. भारत का संविधान मुलरूप से हाथ से लिखा गया संविधान प्रारूप है.और यह विश्व की सबसे बड़ी संविधान मे से है.  भारत का संविधान देश के सभी मूल नागरिकों सभी धर्म या जाति के लोगो को जोड़ के रखता है.

भारत देश को गणतंत्र देश क्यों कहा जाता है?

 जब भारत देश 26 जनवरी 1950 को नवनिर्मित संविधान को अपनाया गया. जिसमें भारत देश के मूलभूत नागरिकों को सुरक्षित रखना, एवं  सभी देशवाशियों को अपने  तरीके से जीने का अधिकार देना इसी वजह से भारत को गणतंत्र देश कहा जाता है. भारत देश मे 26 जनवरी और 15 अगस्त को दो बहुमूल्य त्यौहार है.जो दिनांक 15 अगस्त 1947 को हमारा भारत देश अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिली थी. फिर 26 जनवरी 1950 को भारत  एक गणतंत्र देश बना. भारत मे गणतंत्र का अर्थ है.  कि राज्याध्यक्ष जनता के प्रति चुना गया हो, न कि अनुवंशिक रूप से.

26 जनवरी को भारत मे गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?

26 जनवरी 1950 को भारत सरकार अधिनियम एक्ट 1935 को हटाया और भारत का संविधान को लागू किया. जिसमे हर वर्ग के व्यक्ति को ध्यान में रखकर कानून बनाया गया . जिसमे सभी नागरिक कि आजादी इसी संविधान के साथ जुड़ा हुआ है.जिसके चलते प्रतेक वर्ष 26 जनवरी को भारत मे गणतंत्र दिवस  मनाया जाता है.

गणतंत्र दिवस पहली बार कब मनाया गया था?

भारत एक लोकतान्त्रिक देश होने के नाते एक गणराज्य देश तथा सोने को चिड़िया कही जाने वाली देश भी है. जब पहली बार 26 जनवरी 1929 को लाहौर कांग्रेस अधिवेशन मे भारत देश पूर्ण रूप से गणराज्य देश को मान्यता दिलाने के लिए अंग्रेजों के सामने अपना प्रस्ताव को पेस किया. जिस से अंग्रेजों ने नमंजूर कर दिया था. एक साल बित जाने के बाद जब 26 जनवरी 1930 को कांग्रेस ने भारत को पूर्ण गणराज्य घोषित कर दिया था. जो 26 जनवरी 1930 को पहली बार गणतंत्र दिवस के रूप मनाया गया था.

26 जनवरी को लाल किले मे झंडा कौन फहराता है?

जैसा कि हमारे सभी लोग जानते है.  कि 26 जनवरी भारतीय मूल का एक गणतंत्र दिवस है. जिस से गणतंत्र दिवस के शुभअवसर पर लाल किले मे आयोजित कार्यक्रम मे भारत के प्रधानमंत्री लाल किले मे भारत का राष्ट्रीय ध्वज को फहराते है. उसके बाद राजपथ के मुख्य कार्यक्रम पर भी भारत के राष्ट्रपति झंडा तोलन करते है. फिर देश के नागरिकों को संबोधित करते है.

गणतंत्र दिवस का क्या अर्थ है?

भारत देश एक स्वतंत्र देश है. जिसमें गणतंत्र दिवस तथा स्वंत्रता दिवस को एक राष्ट्रीय त्यौहार कि तरह पूरे धूम-धाम के साथ मनाया जाता है.  गणतंत्र का अर्थ है. जनता के ‘ हित मे लिया गया फैसला’ , और दिवस का अर्थ  ‘दिन ‘होता है.

भारत मे गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?

इस दिन हमारा भारतीय संविधान पूर्ण रूप  से लागू किया गया था.और भारत देश मे रहने वाले हरेक भारतीय मूल निवासी को अपना मौलिक अधिकार मिला. इसलिएभारत मे गणतंत्र दिवस मनाया जाता है.

भारतीय संविधान कि मुख्य विशेषताएं क्या-क्या है?

कोई भी देश को सुचारु रूप से चलाने के लिए नियम कानून कि व्यवस्था की जाती है. जिससे देश सही तरीके से चल सके. उसके लिए भारत देश मे एक कमिटी गठित कर भारत का संविधान को निर्माण किया गया. जो भारत के संविधान अनुच्छेद 465 और भाग 25 मे से 12 अनुसूचियों को लिखित मे लिया गया.  भारत की संविधान मे कई तरह की विशेषताएं  है.  जैसा कि भारत देश एक धर्म निरपेक्ष देश है, संसदीय सरकार तथा संघवाद आदि तरह के विशेषताएं है. जब भारत का संविधान को 26 जनवरी 1950 को लगु हुआ. तब अनुच्छेद 395,अनुसूची 8 और 22 भाग हिस्से शामिल थे. भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा हस्त लिखित दस्तावेज संविधान है.

गणराज्य का मुखिया कौन होता है?

 किसी भी मुल्क मे मुखिया वंशानुगात के माध्यम से नहीं चलती है. उसको चलाने के लिए देश मे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से भारत के मूल नागरिकों के निर्वाचित तथा नियुक्ति कर. आज के आधुनिक युग के अर्थो मे गणतंत्र का उद्देश्य सरकार का वह रूप है. जो मूल्क का मुखिया राजा नहीं बन सकता है.यानि कि वंशानुगात नहीं चलेगा.

भारत के प्राचीनतम गणराज्य का नाम क्या है?

 भारत मे सबसे प्राचीनतम गणराज्य बिहार राज्य मे स्थित है, जो वैशाली जिला मे है.भारत देश का खंड को वैशाली गणराज्य के नाम से लोग जानने लगे. ऐतिहासिक रूप से दुनिया के छठी सदी मे वैशाली का पहला गणतंत्र गणराज्य को माना जाता था.

भारतीय संविधान को कब पारित किया गया था?

 हमारा भारत देश का भारतीय संविधान को 26 जनवरी 1950 को 10 बजकर 24 मिनट पर लागू हुआ था.

भारत देश मे संविधान बनाने का मूल उद्देश्य क्या था?

 भारत मे संविधान को बनाने का मूल उद्देश्य डॉ.भीमराव अम्बेडकर ने लोगो को अपना मूल कर्तव्य और अधिकार मिले.साथ ही देश को चलाने के लिए नियम कानून के तहत चलाये जाने के लिए कानून व्यवस्था को बनाये रखना.

कैलेंडर जनवरी 2022 मे कौन-सा गणतंत्र दिवस के रूप मे मनाया जायेगा?

 कैलेंडर वर्ष 26 जनवरी 2022 को पूरे भारत देश मे 73वाँ गणतंत्र मनाया जायेगा.

26 जनवरी गणतंत्र दिवस कि शुभअवसर पर कौन-कौन सी सैनाएं परेड मे भाग लेते है?

 भारत एक ऐसा देश है, जो वहाँ के लोग कोई भी त्यौहार को बड़ी ही धूम-धाम से मनाते है. इसी प्रकार से 26 जनवरी को दिल्ली के लाल किले पर कई प्रमुख सैनाएं परेड मे भाग लेते है. उनमे से जलसेना,थलसेना और वायुसेना मुख्य रूप से परेड मे शामिल होते है.

भारतीय संविधान को बनाने मे कितना वक्त लगा था?

 भारत का संविधान को बनाने मे मूल तौर पर 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन का समय लगा था.

26 जनवरी और 15 अगस्त को झंडा फहराने का अलग-अलग नियम क्या है?

 26 जनवरी : हमारा देश एक स्वतंत्र देश है जो प्रत्येक साल होने वाला कार्यक्रम मे बहुत ही अलग-अलग तरीके से राष्ट्रीय ध्वज को फहराया जाता है. जैसा कि 26 जनवरी को हम सभी भारतीय नागरिक गणतंत्र दिवस के रूप मे मनाते है, जिसमें भारत के राष्ट्रपति मुख्य अतिथि के तौर पर झंडा को फहराते है. जब गणतंत्र दिवस के शुभअवसर पर झंडा को ऊपर मे ही फूलों के साथ बंधा हुआ रहता है, तब फहराते समय ऊपर मे खोलकर फहराया जाता है, और उसके बाद झंडे को सलामी देकर अपना राष्ट्रीय गान को गया जाता है.

15 अगस्त : हम सभी लोग जानते है कि 15 अगस्त 1947 को हमारा भारत देश आजाद हुआ था. तब से हम सब भारतवासी प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप मे मनाते आ रहे है. जब दिल्ली के लाल किले मे भारत के प्रधानमंत्री झंडा फहराते है, तो झंडा मे फूल बांधकर नीचे से ऊपर की ओर रस्सी को खींचकर ऊपर लाया जाता है, तब उसे खोलकर झंडा को फहराते है, और झंडे को सलामी देकर राष्ट्रीय गान गया जाता है. यही अलग-अलग नियम है,  जो 26 जनवरी मे झंडा फहराने का नियम और 15 अगस्त मे झंडा फहराने का नियम.

Pinterest

%d bloggers like this: