कोडरमा
झारखण्ड के 24वा जिला में से एक कोडरमा जिला है, जिसे जिलो में 12वा स्थान का दर्जा प्राप्त है| जिला का मुख्य शहर झुमरी तिलैया है| कोडरमा जिला का अपना एक अलग संस्कृति एवं रीति-रीवाज है, जिसे आज देश भर इसे जाना जाता है| कोडरमा जिला नाम के ध्वजाधरी पर्वत पर एक महँ तपस्वी कदरम ऋषि के नाम पर पड़ा है|
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कोडरमा कहां है
भारत के झारखण्ड राज्य में कोडरमा जिला स्थित है| जो राजधानी राँची से 165 किलोमीटर की दुरी पर है|
कोडरमा क्यों प्रसिद्ध है
कोडरमा जिला अपने अभ्रक खनन के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है| यहाँ विभिन्न प्रकार के अभ्रक पाए जाते है, जिसमे रूबी अभ्रक मुख्य है| इसके अलावे ढाब, ढोढाकोला, खलगतमबी, डिबोर, बांद्राचुआ जैसे अभ्रक पाया जाता है|
एक नजर जिला के बारे में
जिला | कोडरमा |
---|---|
क्षेत्रफल | 1655.61 वर्ग किलोमीटर |
जनसँख्या | 7,16,259 ( जनगणना 2011) |
पुरुस | 3,67,222 |
महिला | 3,49,037 |
साक्षारता दर | 66.84 |
पुरुष | 2,45,267 |
महिला | 1,57,008 |
पिन कोड | 825409, 825410 |
R.T.O CODE | JH12 |
लोकसभा | 1 |
विधानसभा सीट | 1 |
नगरपालिका | 3 |
प्रखंड | 6 |
गाँव | 717 |
पंचायत | 109 |
भाषा | हिन्दी, खोरठा |
वेबसाइट | https://koderma.nic.in/ |
कोडरमा जिला कब बना
यह जिला कभी हजारीबाग जिला का हिस्सा हुआ करता था, फिर बाद में 10 अप्रैल 1994 को पूर्ण जिला का दर्जा दिया गया| जो आज इसे कोडरमा जिला के नाम से जाना जाने लगा|
कोडरमा जिला का सीमा
जिला का सीमा पूर्व में गिरिडीह जिला, पश्चिम में बिहार के गया जिला, उतर में बिहार के नवादा जिला, और दक्षिण में हजारीबाग जिला से घिरा हुआ है| जिसकी क्षेत्रफल लगभग 1655.61 वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ है|
कोडरमा जिला पूरी तरह जंगलो से घिरा हुआ है| जिसका क्षेत्रफल लगभग 64796.90 हेक्टेयर है| और जिले की मुख्य नदी बराकर, बरसोती, एवं सकरी है| जो जिला से होकर गुजरती है|
कोडरमा जिला का इतिहास
इस जिला का कोई लिखित या प्रमाणिक इतिहास नहीं है| फिर भी स्थानीय लोगो की माने तो पहले कोडरमा जिला घने जंगलो पहाड़ पर्वत से घिरा हुआ था| यहाँ बहुत सारे गैर-आर्य आये लेकिन ग्रामीण ने डट कर मुकाबला किया और अन्त में उसे भगा दिया गया| उस समय झारखण्ड के छोटानागपुर पूरा जंगल से भरा हुआ था|
महाभारत के काल के राजगृह के शक्तिशाली सम्राट जरासंध नाम काराजा हुआ करता था| इन्होने झारखण्ड से लेकर उड़ीसा तक अपना अपना अधिकार क्षेत्रमें शामिल कर लिया था| इससे येही पता चलता है| इनका संपर्क उस समय अलग अलग राज्यों से था| इन्होने मगध के राजा अशोक को भी शामिल कर लिया था|
कोडरमा में कितने प्रखंड है
जिला में कुल 6 प्रखंड है, और इस 6 प्रखंड में 717 गाँव आते है|
1 कोडरमा प्रखंड
2 जयनगर प्रखंड
3 डोमचांच प्रखंड
4 मरकच्चो प्रखंड
5 सतगावां प्रखंड
6 चंदवारा प्रखंड
कोडरमा खनिज
जिला में खनिज भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है| जिसमे नीला पत्थर, सफ़ेद पत्थर, अभ्रक, चाँद पत्थर, फेल्डस्पार, क्वार्टज, बेरिल जैसे खनिज पाया जाता है| एक समय में कोडरमा जिला को भारत का अभ्रक राजधानी के रूप में जाना जाता था|
कॉलेज और यूनिवर्सिटी
कोडरमा जिला में दो कॉलेज है| जो इस प्रकार है
खनन संस्थान कोडरमा
जे.जे कॉलेज झुमरी तिलैया
राजकीय पॉलिटेक्निक कोडरमा
स्कूल
ग्रिजली विधालय
जवाहर नवोदय विधालय
संत क्लेरस स्कूल
सैनिक स्कूल
स्वास्थ सेवा
कोडरमा जिला में राज्य सरकार द्वारा संचालित कोडरमा सदर अस्पताल है| इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ केंद्र जैसा 6 हॉस्पिटल मौजूद है| जो जिला के लोगो के लिए बेहतर स्वास्थ सुविधा उपलब्ध है|
नगर पालिका
कोडरमा जिला में तीन नगरपालिका है, जो इस प्रकार है
नगर पंचायत कोडरमा
डोमचांच नगर पंचायत
नगर परिषद् झुमरी तिलैया
कोडरमा पर्यटन स्थल
कोडरमा जिला अपने प्राकृतिक सुन्दरता के लिए भी लोकप्रिय है| यहाँ अनेक प्रकार के पर्यटक स्थल है, जो देखने योग्य है| जिसमे राजगीर, नालंदा, बोधगया, हजारीबाग वन्य जीव अभ्यारण्य, कोडरमा अभ्यारण्य, गौतम बुद्ध अभ्यारण्य, सोनभंडार गुफा, धवाजधारी हिल, सतगावां पेट्रो फाल्स, संत परमहंस बाबा का मकबरा, मक्मारो हिल्स, आदि| जिला में जो अधिक लोकप्रिय जगह है, उसके नाम कुछ इस तरह है|
चंचला देवी शक्तिपीठ
ये जगह कोडरमा-गिरिडीह राजमार्ग पर स्थित है, जहाँ शहर से लगभग 33 किलोमीटर दूर है| यहाँ माँ चंचला देवी एक दुर्गा माँ का ही रूप है| यह मंदिर एक गुफा में स्थित है. जो पहाड़ पर लगभग 400 फिट की ऊंचाई पर स्थित है| इस जगह में प्रवेश करना थोडा मुश्किल है.
क्योंकि गुफा का रास्ता बहुत कम चोडाई वाला है| लेकिन फिर भी लोग प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को पूजा करने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुँचते है| यहाँ सिंदूर का प्रयोग मनाही है, और प्रसाद के रूप में अरवा चावल एवं मिश्री होता है|
इस मंदिर में प्रवेश करने से पहले वही पर स्नान करना पड़ता है| उसके बाद मंदिर में प्रवेश किया जाता है| इनमे से अगर कोई भी तरीका का पालन नहीं होता है. तब उसे कीड़े काटने का दण्ड दिया जाता है| ऐसा स्थानीय लोगो का कहना है|
घोड़सिमर धाम
ये जगह कोडरमा जिला से लगभग 70 किलोमीटर दूर सतगावां प्रखंड के अंतर्गत आता है| यह जह एक पुरातात्विक धार्मिक स्थल है| जिसे देवघर धाम के नाम से भी जाना जाता है| यह धाम पूरा नदी तक फैला हुआ है| यहाँ जो शिवलिंग है, वह 4 फिट लम्बा है|
तिलैया डैम
दामोदर घटी द्वारा निर्मित यह पहला डैम है, जो 1953 में बराकर के द्वारा बनाया गया है| जिसकी लम्बाई 1200 फीट एवं ऊंचाई 99 फीट और 36 वर्ग फीट के क्षेत्र में एक सुंदर और आदर्श झील से घिरा हुआ है|
इस बांध में हाइड्रो पॉवर स्टेशन है| जो 4 मेगावाट बिजली उत्पादन करती है| इस डैम को बनाने का मुख्य उदेश्य बढ़ के पानी को रोकना एवं बिजली उत्पादन के लिए निर्माण किया गया है|
तिलैया डैम पर्यटकों के लिए एक आकर्षक केंद है| जो जनवरी महीना में यहाँ पिकनिक मानाने के लिए लोग बड़ी संख्या में यहाँ आते है| यहाँ नौका विहार का आनंद लिया जा सकता है|
उधोग
कोडरमा अपने अभ्रक खनन के लिए पुरे देश में प्रसिद्ध है| क्योंकि यह जिला पूरी तरह रेल नेटवर्क, सड़क मार्ग जुड़ा हुआ है, जिसके चलते इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है| इसके अलावा कोडरमा थर्मल power प्लांट, स्पंज आयरन प्लांट, हैंडपंप और अभ्रक पाउडर बनाने वाली फैक्ट्री जैसे कई छोटे बड़े उधोग कार्यरत है|
जनसँख्या
2011 की जनगणना के अनुसार कोडरमा जिला में कुल आबादी 7,16,259 थी, जिसमे पुरुषो जनसँख्या 3,67,222 थी, एवं महिला जनसँख्या 3,49,037 थी| जिसमे लिंगानुपात 950 थी|
कृषि
कोडरमा जिला में खेती को ज्यादा बढ़ावा दिया जाता है.और बड़ी संख्या में लोग इस काम से जुड़े हुए है| यहाँ गेंहू, चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, कुल्थी, दलहन, अरहर जैसे प्रमुख फसलो का उत्पादन होता है| इसके अलावा वन्य उत्पाद में कटहल, कन्दु पत्ता, जामुन, महुआ आदि शामिल है| यहाँ के लोग अपने जीविका के लिए खेती, मजदूरी एवं उधोग धंदे के काम से जुड़े हुए है|
संस्कृति एवं भाषा
कोडरमा जिला में विभिन्न जाति एवं धर्मो के लोग निवास करते है, इसलिए हर एक धर्म के लिए उनके संस्कृति एवं भाषा अलग अलग है|
यहाँ दुर्गा पूजा, दीपावली, छठ, होली, ईद, सरहुल, सरस्वती पूजा, रामनवमी, कर्मा पूजा जैसे त्यौहार को बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है| हिन्दी और कोरठा जिला की मुख्य भाषा है| इसके अलावा स्थानीय लोग अपना अलग-अलग जाति धर्मो के हिसाब से भी भाषा का बोलचाल होता है|
कैसे पहुंचे
वायु मार्ग
जिला में अभी तक कोई भी एयरपोर्ट नहीं है, इसलिए यहाँ पहुँचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा राँची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट जो 178 किलोमीटर की दुरी पर है| और दूसरा निकटतम हवाई अड्डा लोक नायक जय प्रकाश हवाई अड्डा पटना है| जिसकी दुरी 165 किलोमीटर है|
ट्रेन सुविधा
यह जिला रेलवे नेटवर्क से भी देश के बड़े बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है| जिसमे पटना, जम्मु, नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, कोलकत्ता, अहमदाबाद, भुनेश्वर, मुंबई जैसे शहरों से कनेक्ट है|
सड़क मार्ग
यह जिला सड़क मार्ग से भी दुसरे शहरों से अच्छी तरह जुदा हुआ है| तिलैया डैम से लगभग 19 किलोमीटर दूर हजारीबाग कोडरमा राजमार्ग स्थित है| यहाँ जाने के लिए विभिन्न प्रकार के बस उपलब्ध है| जिसमे सिटी बस से लेकर A.C बस तक|
official website – https://koderma.nic.in/