इलेक्ट्रिसिटी क्या है?what is electricity


यह इंजीनियरिंग कि व शाखा है. जिसमे करंट , वोल्टेज , और रेजिस्टेंस के बारे में जानकारी प्रदान करती है. जैसा की  हम जानते है, इलेक्ट्रिसिटी भी एक उर्जा है. जिसको हम कभी देख नहीं सकते और ना ही इसे छु सकते हम केवल महसूस कर सकते है. यानि इलेक्ट्रिसिटी एक भौतिक प्रक्रिया जिसके विधुत में आवेश (CHARGE) और बहाव की  एक घटना है.

जिसे हम इलेक्ट्रिसिटी कहते है. इसको कई तरह से परिभाषित किया जा सकता है. ये एक सिम्पल उदाहरण है. इलेक्ट्रिसिटी के प्रभाव कुछ इस प्रकार है. जो हम महसूस कर सकते है.

1 ऊष्मा का प्रभाव Heating Effect

2 चुम्बकीय प्रभाव Magnetic Effect

3 रासायनिक प्रभाव Chemical Effect

4 किरणों का प्रभाव X – Ray Effect 

1 ऊष्मा का प्रभाव Heating Effect

जब हम किसी कंडक्टर (conductor) में से करंट को गुजरेगे तो उस कंडक्टर में मौजूद रजिस्टेंस (Resistance) के कारण उसमे ऊष्मा पैदा होगी, करंट (current) के इसी प्रभाव को ऊष्मा का प्रभाव कहते है. किसी भी कंडक्टर में ऊष्मा का होना उसके धातु

और करंट पर निर्भर करता है. इसकी मापने कि इकाई (UNIT) केलौरी है. इसका उपयोग निम्नलिखित उपकरण में किया जाता है.जैसे – हीटर , बिजली की  प्रेस,सोल्डरिंग आयरन ,लैंप आदि

2 चुम्बकीय प्रभाव Magnetic Effect

जब हम किसी Conductor या coil में करंट को Passing कराते है. तो उसके चारो तरफ चुम्बकीये रेखा पैदा होते है. करंट के इस तरह के प्रभाव को हम चुम्बकीय प्रभाव कहते है.

यानि एक तार को किसी लोहे के ऊपर लपेटा जाये और उसमे करंट को गुजारा जाये तो वह इलेक्ट्रोमेगनेटिक  बन जाता है. इसका उपयोग कुछ इस तरह किया जाता है.जैसे – मोटर , पंखा , ट्रांसफार्मर , इलेक्ट्रिक बेल, स्पीकर आदि

3 रासायनिक प्रभाव Chemical Effect

जब हम किसी इलेक्ट्रोलाइट(electrolyte) में करंट को गुजरेंगे तो उसमे एक रासायनिक क्रिया शुरू होती है. इस तरह के प्रभाव को रासायनिक प्रभाव (chemical effect) कहते है. जैसे – बैटरी , इलेक्ट्रोप्लेटिंग, सैल आदि

4 किरणों का प्रभाव x – ray effect  

इस तरह के किरणों का प्रभाव ज्यदातार मेडिकल क्षेत्र में उपयोग होता है. जहां मनुष्य के शारीर का x -ray किया जाता है. इसको ऐसे भी समझ सकते है, आज कि आधुनिक विज्ञान ने विधुत के प्रभाव को मानव शारीर में भी उपयोग होने लगा है. इस तरह के प्रभाव को हम किरणों का प्रभाव (x – ray effect ) कहते है. इसका उपयोग जैसे – एक्स – रे ,अल्ट्रासाउंड ,आदि

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इलेक्ट्रिसिटी कितने प्रकार की होती है

देखा जाये तो इलेक्ट्रिसिटी दो तरह के होते है.

1 स्टेटिक इलेक्ट्रिसिटी (static electricity)

2 करंट इलेक्ट्रिसिटी (current electricity)

स्टेटिक इलेक्ट्रिसिटी (static electricity) 

इस तरह का इलेक्ट्रिसिटी का उपयोग ना के बराबर या बहुत कम उपयोग होती है. ये ऐसी इलेक्ट्रिसिटी है. जिसे हम एक स्थान से दुसरे स्थान तक नहीं ले जा सकते है. इस तरह के विधुत दो वस्तुओ को आपस में रगड़ने से उत्पन होती है.

जैसे कि एक कांच और एक सिल्क को रगड़कर , क्योंकि ये इलेक्ट्रिसिटी घर्षण के कारण उत्पन होती है. इसलिए इसे फ्रिक्शन इलेक्ट्रिसिटी भी कहते है.

करंट इलेक्ट्रिसिटी (current electricity)

इस तरह के इलेक्ट्रिसिटी को मनचाहे एक स्थान से दुसरे स्थान तक बहुत ही आसानी से तारो के जरिये ले जा सकते है. आज हम जितने भी पॉवर स्टेशन , सबस्टेशन देखते है, जिसमे तारो के माध्यम से बिजली लाया गया है, इसको आसान भाषा में ऐसे समझेगे, इलेक्ट्रान (current) की प्रवाह को ही इलेक्ट्रिसिटी कहा जाता है. इसको दो भागो में विभाजित किया गया है.

1 डायरेक्ट करंट (direct current)
2 अल्टरनेटिंग करंट (alternating current)

डायरेक्ट करंट (direct current) 

ये एक ऐसी करंट है जो समय के साथ मन वा दिशा नहीं बदलता है. जिसे हम डायरेक्ट करंट कहते है. इसका फ्रीक्वेंसी 0 होता है. इसके टर्मिनल को पॉजिटिव और नेगेटिव द्वारा जाना जाता है. इसका उपयोग बैटरी में , रेलवे के क्रेन में , लिफ्ट आदि में होता है.

अल्टरनेटिंग करंट (alternating current) 

ये एक ऐसी करंट है जो समय के साथ मान वा दिशा दोनों बदलता है. जिसे हम अल्टरनेटिंग करंट कहते है. इसका फ्रीक्वेंसी 50 hz होता है. इसे अल्टरनेटर या फिर ए.सी जनरेटर के द्वारा उत्पन्न किया जाता है. इसके टर्मिनल को फेज और न्यूट्रल के द्वारा जाना जाता है.

अल्टरनेटिंग करंट (alternating current

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